World Test Championship: कोहली के प्रदर्शन में गिरावट, लगातार ऊपर जा रहा रोहित शर्मा का ग्राफ
वर्ष 2018...भारतीय कप्तान विराट कोहली आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर थे वहीं सीमित ओवरों के उपकप्तान रोहित शर्मा तब तक 27 मैचों में 40 से भी कम औसत के साथ 1585 रन बनाकर टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। वर्ष 2018...भारतीय कप्तान विराट कोहली आइसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर थे, वहीं सीमित ओवरों के उपकप्तान रोहित शर्मा तब तक 27 मैचों में 40 से भी कम औसत के साथ 1585 रन बनाकर 44वीं रैंकिंग पर रहकर भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे। 2019 में आइसीसी ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की शुरुआत की। इसी साल वनडे विश्व कप में पांच शतक लगाकर रोहित ने टेस्ट टीम में जगह बनाई और उसके बाद इस फार्मेट में भी उनका ग्राफ लगातार ऊपर जाता गया, जबकि कोहली का प्रदर्शन गिरता चला गया। इस समय भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर डब्ल्यूटीसी के दूसरे चरण में इंग्लैंड का सामना कर रही है और इसमें दो मैचों में रोहित ने 152 रन बनाए हैं जबकि कोहली सिर्फ 62 रन बना सके हैं। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज का तीसरा टेस्ट 25 अगस्त से खेलना है।
2018 में चरम पर थे कोहली
कोहली के टेस्ट करियर के लिए वर्ष 2018 शानदार रहा। उस वर्ष कोहली ने 13 मैच खेले और 55.08 के औसत से 1322 रन बना डाले। उन्होंने पांच शतक भी जड़े। वह अपने प्रदर्शन के आधार पर ही 21 अगस्त 2018 को विश्व के नंबर एक बल्लेबाज बन गए और साल के आखिर तक इस नंबर पर ही विराजमान रहे लेकिन 2018 के बाद कोहली का बल्ला ऐसा खामोश हुआ कि वह शतक तो दूर रन बनाने के लिए भी जूझते रहे। 2019 में डब्ल्यूटीसी-1 की शुरुआत हुई थी तो सभी भारतीयों की उम्मीदों अपने कप्तान से दमदार प्रदर्शन करने पर थी। टीम भले ही फाइनल में पहुंचकर न्यूजीलैंड से हार गई लेकिन कोहली का बल्ला उस तरह आग नहीं उगल पाया जिसकी उनसे उम्मीद रहती है। जिन कोहली ने 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ उसके घर में दो शतकों के साथ पांच मैचों में 593 रन बनाए थे वह इस दौरे पर अब तक एक पचासा भी नहीं लगा पाए हैं।
2018 में कोहली का विदेश सरजमीं पर बोलबाला रहा
2018 में ही कोहली का विदेश सरजमीं पर बोलबाला रहा था। उन्होंने कुल 13 में 11 मैच विदेश में ही खेले थे और इस दौरान 1138 रन बनाए थे जिसमें चार शतक शामिल थे। 2019 में भी उन्होंने आठ मैचों में 68.00 की औसत से 612 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने दो शतक भी लगाए। ये दोनों शतक उन्होंने घरेलू सरजमीं पर बनाए। एक शतक उन्होंने बांग्लादेश तो एक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था जिसमें उनकी नाबाद 254 रनों की पारी शामिल है। 2020 में वह तीन मैचों में 19.33 की औसत से वह 116 रन ही जोड़ पाए। उनका प्रदर्शन गिरा तो उनकी रैंकिंग भी गिरी। इस साल डब्ल्यूटीसी-2 की शुरुआत भी उनके लिए अच्छी नहीं रही है।
रोहित के लिए अच्छी रही डब्ल्यूटीसी
रोहित वर्ष 2018 में सिर्फ चार टेस्ट ही खेल पाए थे। उन्होंने इस दौरान 184 रन बनाए और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 63 रन रहा। टीम में उनकी जगह स्थायी नहीं थी लेकिन मुंबई के इस बल्लेबाज ने अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया और 2019 में पांच मैचों में 92.66 के औसत से 556 रन बना डाले। इस दौरान उन्होंने तीन शतक घरेलू सरजमीं पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जड़े। इंग्लैंड के खिलाफ भी वह एक अर्धशतक लगा चुके हैं और अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ छठी रैंकिंग पर पहुंच गए हैं।