कोरोना के दौरान डिजिटल के जरिए फैंस के दिलों के और करीब आए खेल सितारे, युजवेंद्र चहल की पहल ने बनाया माहौल
मोबाइल और इंटरनेट तो पहले भी थे लेकिन पहले खिलाड़ी सार्वजनिक जीवन में इसका प्रयोग सोशल मीडिया में सिर्फ पोस्ट करने के लिए करते थे लेकिन कोरोना काल मे खिलाड़ियों ने इसका प्रयोग अपने खालीपन को दूर करने के लिए और प्रशंसकों से जुड़े रहने के लिए किया।
निखिल शर्मा। पिछले वर्ष कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव खेलों और खिलाड़ियों पर पड़ा, लेकिन नए वर्ष में दस्तक देते-देते सबने उससे पार पा लिया और इसमें तकनीक ने सबसे ज्यादा मदद की। जब सबकुछ थम गया था तो तकनीक ने ही खिलाड़ियों को साथियों और प्रशंसकों से जोड़े रखा।
मोबाइल और इंटरनेट तो पहले भी थे, लेकिन पहले खिलाड़ी सार्वजनिक जीवन में इसका प्रयोग सोशल मीडिया में सिर्फ पोस्ट करने के लिए करते थे, लेकिन कोरोना काल मे खिलाड़ियों ने इसका प्रयोग अपने खालीपन को दूर करने के लिए और प्रशंसकों से जुड़े रहने के लिए किया। यही नहीं मैचों के प्रसारण, खिलाड़ियों के साक्षात्कार, टीम मीटिंग और ट्रेनिंग में तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो गया और पूरी दुनिया की तरह खेल भी न्यू नॉर्मल में ढलते चले गए।
इंस्टाग्राम बना मुस्कराहट का साधन
पिछले साल दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत के दौरे पर थी। पहला वनडे 12 मार्च को धर्मशाला में बारिश के कारण नहीं हुआ। इसके बाद लखनऊ में दूसरा वनडे खेलने टीमें पहुंच चुकीं थीं, लेकिन कोरोना के कारण वह मैच और सीरीज रद्द हुई। इसके बाद भारत सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी। पूरा देश घरों में बंद होकर इंटरनेट पर मनोरंजन के लिए निर्भर हो गया। आम जनता की तरह खिलाड़ी भी एक-दूसरे से दूर अलग-अलग क्षेत्रों में अपने घरों में बंद थे। तब इंस्टाग्राम पर कुछ ऐसा हुआ जिसने न सिर्फ खिलाड़ियों में नया उत्साह भरा, बल्कि खेलों को चाहने वालों के लिए यह एक अनुभव बन गया।
यह था इंस्टाग्राम पर लाइव साक्षात्कार! भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्रा सिंह चहल ने सबसे पहले मनोरंजन के तौर पर इसकी शुरुआत की थी। वह खुद ही रिपोर्टर बन गए और मेजबान के तौर अपने साथी खिलाड़ियों से जुड़कर लॉकडाउन की कठिनाइयों, समय बिताने के तरीकों और क्रिकेट से जुड़े अनुभवों पर बात करने लगे। धीरे-धीरे टीम इंडिया के सभी क्रिकेटरों ने भी इसको आंतरिक खोज का जरिया बना लिया। इसमें सबसे चर्चित बातचीत भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली और फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के बीच थी, जिसमें दिल्ली की डीटीसी बस से लेकर छोले- भटूरे, दिल्ली की सर्दी से लेकर बचपन में पापा की गर्मी (गुस्सा) तक सब कुछ था। ऐसी ही एक बातचीत रोहित शर्मा और युवराज सिंह के बीच हुई, जिसमें युवी ने अपने दिनों की टीम इंडिया और रोहित के समय की टीम इंडिया के बीच अंतर को सबके सामने रखा।
इसने खिलाड़ियों को तो आपस में जोड़ा ही, साथ ही प्रशंसकों को भी कुछ नया जानने का मौका दिया। यह वह दौर था जब लोग 24 घंटे के लिए घरों में कैद थे। ऐसे समय में सुरेश रैना, इरफान पठान, स्मृति मंधाना, मुहम्मद शमी, हरमनप्रीत कौर, साइना नेहवाल, पी वी सिंधू, मनु भाकर जैसी खेल हस्तियों ने एक-दूसरे के साक्षात्कार करके बहुत सारे अच्छे पल अपने प्रशंसकों को दिए। इनमें से कई के लिए यह पहला अनुभव भी था। जल्द ही ऐसे साक्षात्कार की हर खिलाड़ी ने एक सीरीज शुरू कर दी। ऐसे में घरों में बंद होने के बावजूद भी खिलाड़ियों और खेलों से प्यार करने वाले प्रशंसकों को मनोरंजन की एक नई डोज मिल गई।
तकनीक में हो गया इजाफा
पूरी दुनिया में जब खेल बंद हो गए, तो खेल चैनल दिखाने वालों के लिए भी मुश्किल दौर शुरू हो चुका था। उस समय इंटरनेट पर किसी भी खास लम्हे पर पूर्व क्रिकेटरों की ग्रुप चैट खेल चैनलों का हिस्सा बन गए। जिस समय भारत में लॉकडाउन लगा, तब तक आइपीएल 2020 की नीलामी हो चुकी थी। ऐसे में फ्रेंचाइजी के सामने अपने खिलाड़ियों को फिट रखने की सबसे बड़ी समस्या सामने आई। तब ग्रुप वीडियो कॉल ने इन मुश्किलों को कम करने में अहम भूमिका निभाई।
ट्रेनर व फिजियो रोज सत्र में ऑनलाइन ट्रेनिंग कराने लगे। खिलाड़ियों को घर में ही खुद को फिट रखने के लिए साधन मिल चुका था। धीरे-धीरे टीम के खिलाड़ियों को जोड़े रखने के लिए यह एप मुख्य भूमिका में आ गई और खिलाड़ियों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई थी।
प्रसारण का नया दौर
कोरोना तो नहीं गया, लेकिन तकनीक की सहायता से प्रसारणकर्ताओं और आयोजकों ने खेलों को शुरू करने का फैसला किया। यूरोपा फुटबॉल लीग बिना दर्शकों के शुरू की गई। बायो बबल की वजह से प्रसारण से जुड़े लोगों को खिलाड़ियों के पास जाने की इजाजत नहीं थी। ऐसे में मैच से पहले और मैच के बाद खिलाड़ियों के साक्षात्कार एक लंबे माइक के जरिए शुरू हुए। पहले एंकर खिलाड़ी के बगल में खड़ा होकर सवाल पूछता था, लेकिन अब दो गज की दूरी का ख्याल रखते हुए दो गज लंबे डंडे वाले माइक के जरिए सवाल पूछे जाते हैं।
मीडिया का भी बदला अंदाज
मैच से पहले और मैच के बाद होने वाली पत्रकार वार्ता ने भी अब नया रूप ले लिया है। यूरोपा फुटबॉल लीग में पहली बार वर्चुअल प्रेसवार्ता खिलाड़ियों और मीडिया के बीच संवाद का नया जरिया बनी जिसे अब सब जगह अपना लिया गया है। जब तक कोरोना है तब तक प्रेस वार्ता का यह नया स्वरूप कायम रहेगा।