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सकलैन ने किया सहवाग का अपमान, कहा- तिहरा शतक बनाया क्योंकि माता-पिता के कर्म अच्छे थे और गेंदबाज चोटिल

पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने कहा यह सहवाग के माता पिता के अच्छे कर्म थे जो उन्होंने तिहरा शतक बनाया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 12:41 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 01:13 PM (IST)
सकलैन ने किया सहवाग का अपमान, कहा- तिहरा शतक बनाया क्योंकि माता-पिता के कर्म अच्छे थे और गेंदबाज चोटिल
सकलैन ने किया सहवाग का अपमान, कहा- तिहरा शतक बनाया क्योंकि माता-पिता के कर्म अच्छे थे और गेंदबाज चोटिल

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने साथ में लंबे समय तक खेला। सचिन को गुरू मानने वाले सहवाग ने वो कमाल कर दिखाया जिसे सचिन भी कभी नहीं कर पाए। टेस्ट क्रिकेट में सहवाग ने तिहरा शतक जमाया और ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने कहा यह सहवाग के माता पिता के अच्छे कर्म थे जो उन्होंने तिहरा शतक बनाया।

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पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने सहवाग के मुल्तान में लगाए तिहरे शतक से कहीं ज्यादा बेहतर सचिन की चेन्नई में खेली शतकीय पारी को बताया है। सकलैन ने साल 1999 में सचिन और साल 2004 में सहवाग की यादगार पारियों में गेंदबाजी की थी। इस मैच के बाद उनको मुल्तान का सुल्तान बुलाया जाने लगा।

सकलैन ने Cricket Baaz शो पर बात करते हुए कहा, 'मैं सचिन तेंदुलकर द्वारा चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में बनाए गए 130 रन की पारी को सहवाग के तिहरे शतक पहले रखूंगा। क्योंकि उस वक्त हम पूरी तैयारी के साथ गए थे और यह एक कड़ी टक्कर थी लड़ाई काफी जोरदार हुई थी।"

सहवाग के माता पिता के अच्छे कर्मों से तिहरा शतक बना

"जहां तक मुल्तान 2004 की बात है तो उसमें कोई लड़ाई नहीं थी, यह टेस्ट मैच की पहली पारी में बनाया गया स्कोर था, दूसरी पारी का नहीं। यह पहले दिन की पिच थी और पहली पारी का स्कोर, कोई खास तैयारी भी नहीं थी। उनके माता पिता के कुछ अच्छे कर्मों या फिर उनके ही किसी अच्छे कामों की वजह से ऐसा हो गया।"

सहवाग ने पाकिस्तान में खेलते हुए मुल्तान टेस्ट में आतिशी तिहरा शतक बनाया था और ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। इस पारी में सकलैन को 204 रन पड़े थे और सिर्फ 1 विकेट हासिल हुआ था।

"मुझे लगता है उनके लिए यह एक दम से बनी बनाई परिस्थिति थी। प्रकृति भी उनके प्रति कभी उदार थी। मैं यह नहीं कह रहा कि वह अच्छे खिलाड़ी नहीं हैं वह एक महान खिलाड़ी हैं वह वाकई काफी अच्छे खिलाड़ी हैं। ना सिर्फ मैं और शोएब अख्तर चोटिल थे बल्कि विकेट भी काफी सपाट था स्थिति गेंदबाजों के लिए मुश्किल थी, पूरा गेंदबाजी आक्रमण ही बिखर गया था। बोर्ड के साथ कुछ मसले चल रहे थे और इंजमाम को अचानक से कप्तान बनाया गया था जबकि कोई और कप्तान था।' 


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