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चेतन सकारिया के संघर्ष को लेकर सहवाग का भावुक ट्वीट, परिवार ने 10 दिनों तक छुपाई थी भाई के सुसाइड की बात

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर चेतन सकारिया के संघर्ष की कहानी शेयर की है। सकारिया का यहां तक पहुंचने का सफर काफी मुश्किल भरा रहा है जिसे जानकर कोई भी भावुक हो जाएगा।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 01:37 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 01:45 PM (IST)
चेतन सकारिया के संघर्ष को लेकर सहवाग का भावुक ट्वीट, परिवार ने 10 दिनों तक छुपाई थी भाई के सुसाइड की बात
राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया।

नई दिल्ली, एएनआइ। आइपीएल 2021 में सोमवार को राजस्थान रॉयल्स (RR) और पंजाब किंग्स (PBKS) के मैच में राजस्थान की ओर से बाएं हाथ के तेज गेंदबाज चेतन सकारिया ने डेब्यू किया। मैच में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार ओवरों में 31 रन देकर तीन विकेट लिए। इनमें केएल राहुल, मयंक अग्रवाल और जाय रिचर्डसन का विकेट शामिल है।सकारिया का यहां तक पहुंचने का सफर काफी मुश्किल भरा रहा है, जिसे जानकर कोई भी भावुक हो जाएगा। टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर सकारिया के संघर्ष की कहानी शेयर की है। 

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सहवाग ने सकारिया की मां का इंटव्यू शेयर करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'चेतन सकारिया के भाई ने कुछ महीने पहले सुसाइड कर ली थी। उस समय वह सैयद मुश्ताक अली ट्राफी खेल रहे थे। 10 दिनों तक उनके माता-पिता ने यह बात उनसे छुपाई। क्रिकेट इन युवाओं और उनके माता-पिता के लिए कितना मायने रखता है। सही मायने में आइपीएल भारतीयों का सपना साकार कर रहा है और कुछ कहानियां तो एक असाधारण लगती हैं।'

सकारिया को राजस्थान ने आइपीएल ऑक्शन में 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा था

जनवरी में सकारिया ने अपने छोटे भाई को खो दिया था जब वह सौराष्ट्र के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहे थे। सकारिया को राजस्थान रॉयल्स ने इस साल फरवरी में आयोजित आइपीएल ऑक्शन में 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा था। वह पिछले साल विराट कोहली की अगुवाई वाली फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (आरसीबी) के नेट बॉलर थे। पंजाब  के खिलाफ मैच के बाद  राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक कुमार संगकारा ने भी सकारिया की काफी प्रशंसा की।

पिता टेम्पो चलाते थे

गुजरात के भावनगर से 10 किलोमीटर दूर एक गांव के निवासी सकारिया का जीवन काफी मुश्किलों भर रहा है। उनके मामा उनके शिक्षा,क्रिकेट इक्विपमेंट और सर भावसिंहजी क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग का खर्च उठाते थे। बदले में, सकारिया को व्यवसाय में उनकी मदद करनी थी। शकरिया के पिता टेम्पो चलाकर अपना परिवार पालते थे।


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