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पूर्व पाकिस्तानी कप्तान बोले, Virender Sehwag गलत टीम में खेले, किसी और टीम होते तो ऐसा नहीं होता

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान राशिद लतिफ ने वीरेंद्र सहवाग को लेकर अपनी राय दी है। उनका मानना है वो टेस्ट में 10 हजार रन बना सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 02:15 PM (IST)
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान बोले, Virender Sehwag गलत टीम में खेले, किसी और टीम होते तो ऐसा नहीं होता
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान बोले, Virender Sehwag गलत टीम में खेले, किसी और टीम होते तो ऐसा नहीं होता

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग को दुनिया के सबसे खतरनाक और विस्फोटक बल्लेबाजों में गिना जाता है। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान राशिद लतिफ का मानना है कि सहवाग ने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की टीम में खेला फिर भी अपना नाम बनाया तो कमाल है लेकिन किसी और टीम में खेलते तो शायद इससे ज्यादा उनका नाम हो पाता।

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लतीफ का मानना है कि सहवाग हमेशा ही सचिन तेंदुलकर औऱ राहुल द्रविड़ की छाया में रहते थे। टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में इतने प्रभावशाली बल्लेबाज होने के बाद भी वो 10 हजार रन का आंकड़ा नहीं छू पाए। सहवाग की तारीफ करते हुए लतीफ ने कहा कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली, वसीम अकरम और शोएब अख्तर के आगे भी वो बेखौफ बल्लेबाजी करते थे इसी वजह से उनका इतना नाम है।

"वह हावी होकर खेला करते थे। हम ऐसे ओपनर थे जो शुरुआत में स्थिति को भापते थे, देखा करते थे कि पिच कैसी है, गेंदबाज कौन है सामने क्या वो मैक्ग्रा, ब्रेट ली, वसीम अकरम या शोएब अख्तर तो नहीं। लेकिन सहवाग एक ऐसा बल्लेबाज थे जिनको इनमें से किसी भी चीज का डर नहीं था। वो प्रभावशाली बल्लेबाज थे जो असर छोड़ता है, उनका अपनी टीम पर काफी गहरा प्रभाव था और उनके जैसा खिलाड़ी वर्ल्ड क्रिकेट में इतना सफल रहा।"

सहवाग 10 हजार रन बना सकते थे

"सहवाग के रिकॉर्ड उनके बारे में बात करते हैं। उनके टेस्ट क्रिकेट में 8 हजार से ज्यादा रन हैं। वह एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो हमेशा ही दूसरों की छाया में रह गए। उन्होंने सचिन के साथ खेला, द्रविड़ के साथ खेला और उनकी छाया में रहे। अगर उन्होंने किसी और टीम के लिए खेला होता तो आसानी से 10 हजार रन बना लेते। सिर्फ डेढ हजार रन ही तो बाकी रहते थे।" 

"शायद उनकी टीम के अंदर ज्यादा बड़े नाम थे, ज्याद बड़े खिलाड़ी लेकिन विरोधी टीम हमेशा ही सहवाग का प्रभाव रहता था कि वह उनसे मैच को छीन कर ले जा सकते हैं।"  


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