हर तीन महीने में कराया जाता है विराट कोहली एंड टीम के आंखों का टेस्ट: BCCI official
पिछले तीन साल से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड टीम इंडिया के खिलाड़ियों के आखों का टेस्ट कराती आ रही है।
नई दिल्ली, आईएएनएस। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल सोमवार को एक प्रस्ताव के साथ सामने आई जिसमें यह कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद खिलाड़ियों को आंखों का टेस्ट कराया जाए। यह बात सामने निकलकर आई है कि पिछले तीन साल से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड टीम इंडिया के खिलाड़ियों के आखों का टेस्ट कराती आ रही है।
आईएएनएस से बात करते हुए बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि यह सीएबी के खिलाड़ियों के लिए बहुत ही अच्छा विचार है। वहीं कॉन्ट्रैक्ट में आने वाले भारतीय खिलाड़ियों का भी बीसीसीआई पिछले तीन साल से आंखों का टेस्ट करवाती आ रही है।
"मुझे लगता है कि उनकी तरफ से यह एक बहुत ही अच्छा कदम है क्योंकि आखिर में तो यह खेल हाथों और आंखों के बीच तालमेल का ही है। बल्कि विराट कोहली और उनकी पूरी टीम का पिछले तीन सालों से हर तीन महीने में आंखों का टेस्ट कराया जा रहा है। यह कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत आने वाले सभी खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य है।"
"आप इस बात को पक्का करना चाहते हैं कि इस खेल में आपका देखने की शक्ति ही असली ताकत है और अगर किसी को तकलीफ होती है तो इसका हल निकालने के लिए आप लेंस या फिर चश्मे का प्रयोग करते हैं। आखिरकार आपको 140 किलो मीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार से आती गेंद का सामना करना होता है और जो आप एक सेकेंड के लिए भी इसको देखने से चूकते हैं तो इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।"
ट्रेनिंग कैंप की हो रही तैयारी
बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने सोमवार को ही इस बात की जानकारी दी थी कि बोर्ड टीम इंडिया के टॉप खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए ट्रेनिंग कैंप तैयार कर रही है। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) शीर्ष खिलाडि़यों के लिए ट्रेनिंग कैंप की तैयारी कर रही है। हालांकि, यह कैंप कितने दिन में शुरू होगा, इसकी समयसीमा उन्होंने नहीं बताई।