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टीम इंडिया को साहसी युवा खिलाडि़यों की जरूरत है : धौनी

अपनी पदार्पण सीरीज में ही तेज गेंदबाज बरिंदर सरन और मध्‍यक्रम के बल्‍लेबाज मनीष पांडे को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मगर टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी का मानना है कि फॉर्म में चल रही ऑस्‍ट्रेलिया के सामने इन खिलाडि़यों को उतारने

By sanjay savernEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2016 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2016 06:03 PM (IST)
टीम इंडिया को साहसी युवा खिलाडि़यों की जरूरत है : धौनी

मेलबर्न। अपनी पदार्पण सीरीज में ही तेज गेंदबाज बरिंदर सरन और मध्यक्रम के बल्लेबाज मनीष पांडे को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मगर टीम इंडिया के सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का मानना है कि फॉर्म में चल रही ऑस्ट्रेलिया के सामने इन खिलाडि़यों को उतारने में कोई बुराई नहीं हैं क्योंकि टीम को साहसी युवाओं की जरूरत है।

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ऑस्ट्रेलिया ने 5 वनडे मैचों की सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त बना ली है। युवाओं ने बेहतरीन प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन धौनी का मानना है कि इतनी जल्दी उनके प्रदर्शन का आकलन करना गलत होगा। सरन ने 3 मैचों में 3 विकेट लिए, जबकि पांडे पिछले मैच में महज 6 रन ही बना सके।

धौनी ने कहा- यदि आपको देश के लिए खेलने का मौका मिला है तो हालात चाहे जो भी हो, यह ज्यादती नहीं है। बतौर कप्तान आपको युवाओं को यही सीख देनी होती है। उन्होंने कहा कि 5वें या छठे नंबर के बल्लेबाजों को अंत तक खेलने की सोचना चाहिए और यदि वे अच्छा खेल रहे हैं और अंत तक नाबाद है तो शानदार है। आप टीम में इसी तरह का माहौल चाहते हैं। धौनी ने कहा कि अभी तक के प्रदर्शन से उनकी प्रतिभा की बानगी नहीं मिली है, लेकिन उनके जज्बे का पता चला है।

कैप्टन कूल के मुताबिक पांडे, मान और धवन को बड़े शॉट खेलने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। जब आप कठिन मैच खेलते हैं तो आपको सामान्य वनडे की तुलना में अधिक अनुभव मिलता है। आप उनके प्रदर्शन की समीक्षा नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने 12 से 15 गेंद ही खेली है, लेकिन इन गेंदों को खेलने के आधार पर उनके जज्बे का पता चलता है।

उन्होंने कहा- आपको इसी को प्रोत्साहित करना है। आपको टीम में साहसी लोगों की जरूरत है। हार जीत तो चलती रहती है, लेकिन आपको टीम में शानदार जज्बे वाले लोग चाहिए।

धौनी ने आगे बताया कि यदि आप इस सीरीज में टीम को देखें तो गेंदबाजी अनुभवहीन है। ईशांत शर्मा ने काफी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेले हैं, लेकिन वह टीम के नियमित सदस्य नहीं रहे। उमेश यादव का भी वही हाल है और कई गेंदबाज तो यहां पदार्पण कर रहे हैं।

कप्तान ने बताया कि हमें यह आकलन करना होगा कि वे कैसा खेल रहे हैं और उनकी प्रगति की दर क्या है। मैं हमेशा कहता आया हूं कि आपको युवाओं को तैयार करना होगा। हमें मुकम्मिल खिलाड़ी नहीं मिलेंगे बल्कि हमें उन्हें तैयार करना होगा ताकि वे लंबे समय तक खेल सकें।

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