सौरव गांगुली के एक फोन से मिली गरीब परिवार को मदद, हुआ कोरोना टेस्ट
कोरोना काल में एक बार फिर दादा की दरियादिली देखने को मिली है। पूर्व कप्तान गांगुली के प्रयास से एक असहाय परिवार का कोरोना टेस्ट संभव हो पाया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली को लोग दादा कहकर पुकारते हैं। दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी ने लोगों ने बुरी तरह से प्रभावित किया है। ऐसे में सौरव ने जरुरतमंद लोगों को किसी बड़े भाई की तरह से ही मदद पहुंचाई है।
कोरोना काल में एक बार फिर 'दादा' की दरियादिली देखने को मिली है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के प्रयास से एक असहाय परिवार का कोरोना टेस्ट संभव हो पाया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बंगाल के हुगली जिले के चुंचुडा़ इलाके के कदमतला के कनकशाली के वाशिंदा सौरव बसु की कोरोना से रविवार प्रातः मौत हो गई थी।
उनकी पत्नी सुष्मिता बसु व दोनों बच्चों में भी कोरोना जैसे लक्षण हैं। सुष्मिता अपना और बच्चों का कोरोना टेस्ट कराने के लिए इधर-उधर भटक रही थी। बसु परिवार के एक मित्र के जरिए यह बात सौरव तक पहुंची। इसके बाद दादा ने अपने प्रयास से चुंचुडा़ के एसडीपीओ अरिंदम विश्वास का नंबर जुगाड़ कर उनसे संपर्क किया। सौरभ ने पहले उन्हें एसएमएस.कर अपना परिचय दिया और इसके कुछ देर बाद फोन किया।
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सौरव का फोन पाकर एसडीपीओ चकित रह गए। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके क्षेत्र के एक परिवार के लिए सौरव खुद उन्हें फोन कर रहे हैं। सौरव ने एसडीपीओ से परिवार के सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट कराने का अनुरोध किया। एसडीपीओ की तरफ से उन्हें सोमवार को पूरे परिवार का कोरोना टेस्ट करने का आश्वासन दिया गया। गौरतलब है कि लॉकडाउन के समय भी सौरव प्रभावितों की मदद में काफी सक्रिय थे। उन्होंने पांच लाख रुपये का चावल दान किया था।