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बतौर टीम इंडिया का कोच राहुल द्रविड़ के सामने क्या है बड़ी चुनौती? शोएब अख्तर ने बताया

पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि विराट कोहली की कप्तानी का दौर खत्म होने के बाद भारतीय क्रिकेट दोराहे पर है। अब राहुल द्रविड़ के सामने एक बड़ी चुनौती है। उन्हें साबित करना होगा कि वह ओवररेटेड कोच नहीं हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 02:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 02:22 PM (IST)
बतौर टीम इंडिया का कोच राहुल द्रविड़ के सामने क्या है बड़ी चुनौती? शोएब अख्तर ने बताया
टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़। (फोटो- एएनआइ)

मस्कट, पीटीआइ। पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि विराट कोहली की कप्तानी का दौर खत्म होने के बाद भारतीय क्रिकेट दोराहे पर है। अब राहुल द्रविड़ के सामने एक बड़ी चुनौती है। उन्हें साबित करना होगा कि वह 'ओवररेटेड' कोच नहीं हैं। टी-20 की कप्तानी छोड़ने और एकदिवसीय कप्तान पद से हटाए जाने के कुछ हफ्तों बाद कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में 1-2 से हार के बाद क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप से कप्तानी छोड़ दिया। 

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कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल के नेतृत्व में भारत को दक्षिण अफ्रीका में एकदिवसीय सीरीज में भी हार का सामना करना पड़ा। राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में नए कोचिंग प्रबंधन को अपने पहले विदेशी दौरे पर हार का सामना करना पड़ा। इस बीच लिजेंड्स लीग क्रिकेट के इतर समाचार एजेंसी पीटीआइ से बात करते हुए शोएब अख्तर ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली और अन्य लोग क्या सोचते हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट निश्चित रूप से दोराहे पर है। नहीं, भारतीय क्रिकेट नीचे नहीं जा रहा है। आपको स्थिति पर नियंत्रण रखना होगा। राहुल द्रविड़ के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे उम्मीद है कि लोग यह नहीं कहेंगे कि वह एक ओवररेटेड कोच है। उन्हें यह साबित करना होगा और जाहिर है कि उनके सामने रवि शास्त्री की जगह भरने की बड़ी जिम्मेदारी है। उनके सामने एक बड़ी चुनौती है। देखते हैं कि वह कैसा प्रदर्शन करते हैं।'

अख्तर ने कहा कि भारत ने इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह की मौजूदगी में अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण में स्वर्णिम युग देखा है। इससे टीम ने आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में यादगार जीत हासिल की है, लेकिन इशांत, शमी, उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार जैसे खिलाड़ी अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हैं। यह उनसे आगे सोचने का समय है। वे टीम के 'पहियों' की तरह हैं। बेशक, आपको उन्हें वैसे ही बदलना होगा जैसे आप अपनी गाड़ी की 'टायर' बदलते हैं। उन्हें बीच-बीच में थोड़ा आराम भी चाहिए होता है और आपको उन्हें परफार्म भी कराना होता है।


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