पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज बोले, मैं तो पहले ही कह रहा था IPL बंद कर देना चाहिए
जब लोग आपसे आसपास मर रहे हैं तो फिर ऐसा खेल और शो नहीं हो सकता। यह एक राष्ट्रीय आपदा है आपको पड़ोस में भी ऐसी ही कुछ है मैं इसी की गुजारिश कर रहा था कि आइपीएल को रोका जाना चाहिए।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग के 14वें सीजन को करोना महामाही फैलने के बाद भी जारी रखा गया था। इसे बंद करने की मांग लगातार की जा रही थी और बायो बबल में संक्रमण के मामले सामने आने के बाद टूर्नामेंट को बीसीसीआई ने स्थगित करने का फैसला लिया। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने कहा है कि यह फैसला पहले किया जाना चाहिए थे। बायो बबल फ्रेंचाइजी क्रिकेट में सुरक्षित नहीं है।
अख्तर ने कहा, "जब मैंने कुछ हफ्ते पहले कहा था कि आइपीएल को इस साल बंद कर दिया जाना चाहिए, तो इस बात के पीछे भावनाएं जुड़ी थी। भारत में इस वक्त राष्ट्रीय विपदा ने जगह ले ली है। लोग मर रहे हैं, और मैंने यह अपील इसी वजह से कि थी क्योंकि वहां हर दिन 4 लाख लोगों के पॉजिटिव होने की खबरें मिल रही है। ऐसे वक्त में आइपीएल नहीं कराया जा सकता है और ऐसा कोई आयोजन या शो नहीं कराया जाना चाहिए।"
"मुझे इस चीज को कोई भी परेशानी नहीं कि लोग पैसे बना रहे हैं। लोग तो 2008 से ही पैसे बना रहे हैं। अगर वो इस एक साल पैसे नहीं बनाएंगे तो उनको भला कौन की मुसीबत आ जानी है। जब लोग आपसे आसपास मर रहे हैं तो फिर ऐसा खेल और शो नहीं हो सकता। यह एक राष्ट्रीय आपदा है, आपको पड़ोस में भी ऐसी ही कुछ है, मैं इसी की गुजारिश कर रहा था कि आइपीएल को रोका जाना चाहिए।"
"आइपीएल कभी भी व्यव्हार में लाया ही नहीं जाना था। हमने भी पाकिस्तान सुपरलीग में बायो बबल बनाया था और यह पूरी तरह से फ्लॉप हो गया। भारत ने भी कोशिश की और यहां भी ऐसा ही कुछ हुआ। यूएई और इंग्लैंड में यह किया गया था उन्होंने कर लिया। यहां पर तो जो लोग होटल में काम कर रहे हैं वो भी सुरक्षित नहीं हैं। वो बायो बबल में नहीं रहते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट बबल में कराया जा सकता है लेकिन फ्रेंचाइज क्रिकेट संभव नहीं क्योंकि यहां से पूरी दुनिया के लोग आते है। आइपीएल कोई छोटा इवेंट नहीं है।"