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शोएब अख्तर का चौंकाने वाला बयान, अब हमारे पास कुछ ही असल तेज गेंदबाज बचे हैं

अख्तर ने कहा 10 साल पहले गेंदबाज 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे और अब वह अचानक से 135 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने लगे।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 09:41 AM (IST)
शोएब अख्तर का चौंकाने वाला बयान, अब हमारे पास कुछ ही असल तेज गेंदबाज बचे हैं
शोएब अख्तर का चौंकाने वाला बयान, अब हमारे पास कुछ ही असल तेज गेंदबाज बचे हैं

लाहौर, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने तेज गेंदबाजों की रफ्तार में आई कमी पर चिंता जताई है। उनको लगता है कि आज के समय में तेज गेंदबाज उतनी तेज गेंदबाजी नहीं करते हैं जितनी उनके समय में होती थी। इसके पीछे के कराण के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, खेल के नियम और कठोरता उन्हें वो मौका नहीं देती।

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अख्तर पहले ऐसे खिलाड़ी थे जो 100 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले, गेंदबाज 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते थे और अब वह अचानक से 135 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने लगे। अब हमारे पास कुछ ही असल गेंदबाज बचे हैं। पहले दक्षिण अफ्रीका के पास अकेले छह होते थे।

पाकिस्तान के युवा तेज गेंदबाज नसीम शाह ने इंग्लैंड सीरीज से पहले कहा था वह अपनी रफ्तार को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं दुनिया के टॉप 3 गेंदबाजों में शामिल होना चाहता हूं। हमारे कोच वकार यूनिस काफी अच्छी तरह से हमें निर्देश दे रहे हैं। मैं अपनी रफ्तार तो तेज करने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन ध्यान लाइन और लेंथ पर भी है।"

सीरीज में होगा फ्रंट फुट नो बॉल तकनीक का इस्तेमाल

पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में फ्रंट फुट तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। आइसीसी ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। इक तकनीक के तहत, हर गेंद के बाद तीसरा अंपायर देखेगा कि गेंदबाज का पैर कहां पड़ा है और अगर नो बॉल है तो मैदानी अंपायर को इस बात की जानकारी देगा।

मैदानी अंपायर फ्रंट फुट नो बॉल को लेकर तब तक कोई फैसला नहीं देगा जब तक तीसरा अंपायर आदेश नहीं दे देता, वह हालांकि मैदानी फैसलों के लिए जिम्मेदार होगा। अगर इसे लेकर किसी तरह की शंका होती है तो गेंदबाजों को इसका फायदा मिलेगा और अगर देर से नो बॉल दी जाती है तो मैदानी अंपायर अपने आउट देने के फैसले को बदलेगा और नो बॉल देगा।


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