ICC चुनाव में लगा शशांक मनोहर को लगा झटका, ग्रेव्स के चेयरमैन बनने का रास्ता साफ
ICC चेयरमैन के पद को लेकर चुनावी फिजा गरमा सी गई है और ऐसा देखा जा सकता है कि कोलिन ग्रेव्स अगले आइसीसी चेयरमैन हो सकते हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) के नए चेयरमैन की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसको लेकर कई दिनों से कयास लगाए जा रहे हैं। चुनावी फिजा गरमा सी गई है और ऐसा देखा जा सकता है कि कोलिन ग्रेव्स अगले आइसीसी चेयरमैन हो सकते हैं।
ग्रेव्स की इस पद की दावेदारी के पीछे वजह है कि मौजूदा चेयरमैन शशांक मनोहर का मानना था की इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआइ) के बीच जो पैसों को लेनदेन हुआ था। यह चुनावों को लेकर था, उनके इस दावे को एथिक्स अधिकारी ने मानने से इन्कार कर दिया है।
एक पत्र में आइसीसी के जनरल काउंसेल के ऑफिस और कंपनी सचिव ने आइसीसी चेयरमैन के हवाले से ईसीबी और सीडब्ल्यूआइ के लोन के मामले को एथिक्स अधिकारी के सामने 30 अप्रैल को पेश किया था। अपने आदेश में एथिक्स अधिकारी ने अब चैयरमेन की चिंता को खारिज कर दिया है।
उनका कहना है उन्हें इस लेनदेन में चुनावों से संबंधित कुछ नहीं लगता। पत्र में लिखा है कि मेरे सामने मौजूद सभी तथ्यों को देखने के बाद, और सभी पैराग्राफ देखने के बाद मैं इस बात को लेकर निश्चित हूं किसी भी पार्टी द्वारा किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। मेरी जांच में, मैं ईसीबी और सीडब्ल्यूआइ के बीच हुए लोन, जो आइसीसी चेयरपर्सन के चुनावों के समय हुआ था, मैंने इसकी जांच की हैऔर मुझे अपनी जांच करने में पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
पत्र में आगे लिखा है कि मैं प्रामाणित करता हूं कि, यह बिना किसी शक के साफ है, कि दोनों पार्टियां जो लोन में शामिल हैं, जिसमें हस्ताक्षर करने वाले भी शामिल हैं, जो कम समय के लिए व्यवसायिक समाधान चाहते थे, जिसकी जानकारी मानने योग्य है, उन्होंने सभी काम नियमों के हिसाब से किए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं प्रमाणित करता हूं कि, मेरा यह मानना नहीं है कि लोन आने वाले आइसीसी चेयरपर्सन के चुनावों के लिए नहीं था। इसके बाद मनोहर के साथ काम कर चुके बीसीसीआइ के पूर्व अधिकारी ने कहा कि अब ग्रेव्स के आइसीसी चेयरमेन बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है और वह 31 अगस्त को ईसीबी के चैयरमैन पद से इस्तीफा दे देंगे और अगले आइसीसी चेयरमैन के लिए वही पसंदीदा उम्मीदवार हैं।
उन्होंने कहा कि अपने प्रतिद्वंद्वी को इस तरह से हटाने का प्रयास सही लगता है। बीसीसीआइ में, जब बोर्ड को एक लीडर की सबसे ज्यादा जरूरत थी तब उन्होंने आइसीसी का रूख कर लिया। मेरा मानना है कि कोलिन के खिलाफ शिकायत का मतलब है कि कोलिन उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे।