Ind vs SA: सचिन तेंदुलकर ने बताया, सफल ओपनर बनना है तो करें ये काम
रोहित शर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ बतौर ओपनर पहले मैच में 176 रन की पारी खेली। सचिन तेंदुलकर ने बताया कि एक सफल ओपनर बनने के लिए बल्लेबाज को क्या करना चाहिए।
नई दिल्ली, पीटीआइ। साउथ अफ्रीका के खिलाफ रोहित शर्मा को पहली बार टेस्ट में ओपनिंग करने का मौका मिला। रोहित ने बतौर ओपनर पहली पारी में 176 रन बनाए और अपनी उपयोगिता साबित की। पूर्व भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने एक सर्वश्रेष्ठ ओपनर बनने के लिए जरूरी चीजों के बारे में बताया।
सचिन ने पीटीआई से बताया, ये सबकुछ सिर्फ मानसिक सोच की बात है। अगर किसी को पारी की शुरुआत करनी है तो फिर उसकी मानसिक सोच दूसरों से अलग होनी चाहिए। सचिन के साथ ओपनिंग करने वाले विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को दुनिया के सबसे खतरनाक और सफल ओपनर में गिना जाता है। सहवाग ने मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। उन्हें पारी की शुरुआत करने का मौका मिला और अपने आक्रामक खेल के दम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्होंने बेमिसाल कामयाबी हासिल की।
सचिन ने सहवाग के बारे में बताया, सहवाग का माइंटसेट बिल्कुल ही अलग था। चाहे वनडे क्रिकेट हो या फिर टेस्ट , वह दोनों ही फॉर्मेट में लगभग एक ही अंदाज में खेलते थे। उनका बल्लेबाजी में आक्रामकता हमेशा ही रहती थी। वैसे यह हर एक खिलाड़ी की काबिलियत और उसकी क्षमता के हिसाब से बदल जाता है।
"ऐसे बहुत सारे बल्लेबाज हैं जो आक्रामक अंदाज में खेलना चाहते हैं लेकिन लगातार वो आक्रमक अंदाज को बरकरार नहीं रख पाते जो सहवाग करने में कामयाब हुआ करते थे। ओपनिंग करना उनको जचता था। अभी रोहित के लिए लोगों को इंतजार करना चाहिए कि वो इस जगह पर आगे कैसा करते हैं।"
सचिन ने कहा, "वीरेंद्र सहवाग को शुरुआत में मिला कामयाबी के बाद बुरे दौर से भी गुजरना पड़ा थे लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी मानसिकता नहीं बदली और ना ही अपनी बल्लेबाजी का आक्रामक छोड़ा।"
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने विशाखापत्तनम टेस्ट से पहले ही यह साफ कर दिया था कि बतौर टेस्ट ओपनर रोहित शर्मा को अपने आप को साबित करने के प्रयाप्त मौके दिए जाएंगे। सचिन भी मानते हैं कि लंबे समय की सफलता के लिए सुरक्षा की भावना का होना बहुत जरूरी है।
सचिन ने कहा, "मुझे लगता है सुरक्षा का एहसास होना ही चाहिए। अगर आप किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करने को देखे तो वहां पर हर एक बल्लेबाज को सुरक्षा का भाव होना चाहिए। खिलाड़ी को यह लगना चाहिए कि वह इसी जगह के लिए टीम में है। खिलाड़ी अच्छे और बुरे दौर से गुजरता है लेकिन अगर उसे यह पता है कि टीम मैनेजमेंट का समर्थन साथ है तो उसकी सोच बदल जाती है।"