रॉबिन उथप्पा बालकनी से कूद करने वाले थे आत्महत्या, क्यों उठाया ये बड़ा कदम
रॉबिन ने इस बात का खुलासा किया है कि साल 2009 से 2011 के बीच वो डिप्रेशन से जूझ रहे थे और एक वक्त तो आत्महत्या तक करने की सोच चुके थे।
नई दिल्ली, आईएएनएस। भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा साल 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। उथप्पा को भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा माना जा रहा था लेकिन गिरते प्रदर्शन की वजह से उनको टीम से बाहर होना पड़ा। अब उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि साल 2009 से 2011 के बीच वो डिप्रेशन से जूझ रहे थे और एक वक्त तो आत्महत्या तक करने की सोच चुके थे।
राजस्थान रॉयल्स के एक कार्यक्रम में उथप्पा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "जब मैंने साल 2006 में अपना डेब्यू किया तो अपने बारे में इतना नहीं जानता था, तब काफी चीजों को सीख रहा था और सुधार करता जा रहा था। अब मैं अपने बारे में काफी ज्यादा जानकारी रखता हूं और अपने विचारों के साथ खुद को लेकर काफी पक्का हूं। अब खुदको संभालना मेरे लिए आसान है अगर कहीं फिसल जाता हूं।"
"मुझे ऐसा लगता है कि मैं आज इस जगह पहुंचा हूं क्योंकि काफी मुश्किलों के पलों का सामना किया है। मैं बहुत ही ज्यादा डिप्रेशन में था और आत्महत्या तक करने के ख्याल आते थे। मुझे याद है साल 2009 और 2011 यह नियमित तौर पर होता था और हर दिन मेरे अंदर ऐसे विचार आते थे।"
"एक ऐसा भी वक्त था जब मैं क्रिकेट के बारे में सोचता ही नहीं था, यह मेरे दिमाग से काफी दूर हो गया था। मैं यह सोचता रहता था कि आज के दिन मैं कैसे बचूंगा और अगले दिन तक किस तरह जिंदा रहूंगा। मेरे जीवन में हो क्या रहा है और मैं किस दिशा में जा रहा हूं।"
"क्रिकेट खेलते वक्त तो ऐसे ख्याल दिमाग से दूर रहते थे लेकिन जब मैच नहीं होता था ऑफ सीजन में तो बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जाता था। उन दिनों मैं बैठे बैठे सोचता था कि मैं तीन तक गिनती करूंगा और दौड़कर बालकॉनी से छलांग लगा दूंगा लेकिन फिर कुछ था जो मुझे ऐसा करने से रोक लेता था।"