Move to Jagran APP

संघर्ष के साथ राहुल तेवतिया की आंख मिचौली, पढ़ें- जीरो से हीरो बनने का सफर

आइपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले तेवतिया की संघर्ष के साथ आंख मिचौली चल रही है। कई बार ऐसे भी मौके आए जब उन्हें हल्के में लिया गया। संघर्ष की कहानी उनके करियर के शुरुआती दिनों से ही शुरू हो जाती है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:04 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:04 AM (IST)
संघर्ष के साथ राहुल तेवतिया की आंख मिचौली, पढ़ें- जीरो से हीरो बनने का सफर
राहुल तेवतिया ने घरेलू टीम में भी जगह बनाने के लिए किया था संघर्ष । (फाइल फोटो)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। जीवन में जीरो से हीरो बनने में आपको काफी समय लग जाता है, लेकिन क्रिकेट की दुनिया में 22 गज की पट्टी पर आप एक मैच में भी ऐसा कर सकते हैं। यही इस खेल की खासियत है और इसे साबित कर दिखाया है राजस्थान रॉयल्स के ऑलराउंडर राहुल तेवतिया ने। रविवार को आइपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले तेवतिया की संघर्ष के साथ आंख मिचौली चल रही है। कई बार ऐसे भी मौके आए जब उन्हें हल्के में लिया गया, लेकिन फिर उनका 2019 का वायरल होता वीडियो आंखों के सामने आता है, जिसमें वह कहते हैं, अपने हक के लिए लड़ा जाना चाहिए।

loksabha election banner

दरअसल, तेवतिया के संघर्ष की कहानी उनके करियर के शुरुआती दिनों से ही शुरू हो जाती है। हरियाणा की हर स्तर की टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि वहां उनके प्रतिद्वंदी युजवेंद्रा सिंह चहल थे और हरियाणा की सीनियर टीम में चहल के साथ अमित मिश्रा। आइपीएल में राजस्थान रॉयल्स से शुरू हुआ उनका सफर किंग्स इलेवन पंजाब, दिल्ली कैपिटल्स से होता हुआ वापस रॉयल्स पर आकर खत्म हुआ।

हालांकि, 2019 सत्र तक वह पहचान नहीं बना पाए थे। इस सत्र के पहले मुकाबले में जब तेवतिया ने सीएसके के खिलाफ जीत दिलाते हुए अपनी कुछ जश्न मनाती तस्वीरें इंस्टाग्राम पर डालीं तो वहां उन्हें सीएसके के प्रशंसकों से अपशब्दों से भरे कमेंट मिल रहे थे। किसी ने कहा कि करियर के शुरुआती दिनों में ऐसा तेवर सही नहीं है। किसी ने कहा कि कान बंद करने का जश्न हमने बार्सिलोना के फिलिप कोंटिन्हो को मनाते देखा है। तुम कहां उसकी बराबरी करोगे।

2019 का वह वीडियो

दिल्ली के कोच रिकी पोंटिंग हर मैच के बाद बैठक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों का हौसला बढ़ाते हैं। 2019 में जब दिल्ली ने मुंबई को वानखेड़े में हराया तो पोंटिंग ने धवन, इशांत, रबादा, पंत, इंग्राम सभी की तारीफ की। वह बैठक खत्म करके जा ही रहे थे कि उन्हें तेवतिया ने रोका और कहा कि मैंने भी तो चार कैच पकड़े हैं। मुझे भी तारीफ मिलनी चाहिए। ऐसे में पोंटिंग हल्के अंदाज में कहते हुए निकल गए कि लड़कों तेवतिया की भी पीठ थपथपाओ। अक्षर छूटते ही बोले कि भाई ऐसे कौन तारीफ मांगता है। तेवतिया जवाब देते हैं कि अपना हक मांगना चाहिए भाई।

तेवतिया को नंबर चार पर भेजने का कारण

पंजाब से मैच जीतने के बाद संजू सैमसन से जब तेवतिया को नंबर चार पर भेजने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि टीम अभ्यास सत्र के दौरान सबसे ज्यादा छक्के मारने की प्रतियोगिता खेल रही थी। तब तेवतिया ने सभी को पीछे छोड़ते हुए छह गेंद पर पांच छक्के जड़े थे। यहीं से तेवतिया ने टीम प्रबंधन का आत्मविश्वास जीत लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.