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कालिंगवुड बोले - एशेज खेलने आस्ट्रेलिया दौरे के लिए इंग्लैंड के खिलाड़ियों को मेडल मिलना चाहिए

इंग्लैंड के सहायक कोच पाल कालिंगवुड ने कहा है कि वह सभी खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बायो बबल के प्रभाव से चिंतित हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया दौरे के लिए इंग्लैंड की टीम को मेडल मिलना चाहिए और आलोचना नहीं की जानी चाहिए।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 11:10 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 11:10 AM (IST)
कालिंगवुड बोले - एशेज खेलने आस्ट्रेलिया दौरे के लिए इंग्लैंड के खिलाड़ियों को मेडल मिलना चाहिए
इंग्लैंड के सहायक कोच पाल कालिंगवुड। (फोटो- एएनआइ)

ब्रिजटाउन,एएनआइ। इंग्लैंड के सहायक कोच पाल कालिंगवुड ने कहा है कि वह सभी खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बायो बबल के प्रभाव से चिंतित हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया दौरे के लिए इंग्लैंड की टीम को मेडल मिलना चाहिए और आलोचना नहीं की जानी चाहिए। गौरतलब है कि एशेज सीरीज में जो रूट की अगुवाई वाली टीम को 4-0 से हार का सामना करना पड़ा। कालिंगवुड वर्तमान में वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रही पांच मैचों की टी-20 सीरीज में क्रिस सिल्वरवुड की जगह  कोच की भूमिका निभा रहे हैं, जिसमें इंग्लैंड 1-2 से पीछे है।

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इएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार कालिंगवुड ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि लोगों ने इन बबल के प्रभाव को समझा है। दुबई में एक बबल से निकलकर एशेज खेलने जाना मुझे लगता है कि सचमुच काफी कठीन  था। जब तक आप इसका अनुभव नहीं करते तब तक आप यह भी नहीं बता सकते कि यह कैसा है। तथ्य यह है कि आप अपने दरवाजे से बाहर नहीं निकल सकते हैं और जैसे ही आप काफी पीने तक नहीं जा सकते हैं। बहुत से लोग कहेंगे 'यह मजेदार होना चाहिए' और 'आपके पास एक प्यारा होटल है' लेकिन यह आपको परेशान करता है।'

कालिंगवुड ने आगे कहा, 'क्रिस वोक्स जैसे किसी इंसान को ही देख लें। वह काफी प्यारे और सीधा-सादा आदमी हैं। मैंने उसे कुछ गंभीर मानसिक स्थिति में देखा है। हमने बेन स्टोक्स को देखा है, जिसे हम दुनिया का सबसे मानसिक रूप से मजबूत क्रिकेटर मानते हैं, जो इससे प्रभावित हुआ है। ऐसी चीजें मुझे डराती हैं।

कालिंगवुड ने यह भी कहा, 'मुझे लगता है कि अगर आपने हमें पिछले 100 वर्षों में इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों को एशेज में भाजा होता और उन्हें भी इसी माहौल में रखा होता जैसा कि ये खिलाड़ी पिछले दो वर्षों में रहे हैं, तो उन्हें भी कुछ ऐसा ही परिणाम मिलता। आस्ट्रेलिया को इस बात की परवाह नहीं थी कि उन्हें इंग्लैंड की एक ऐसी टीम मिलने वाली है जो मानसिक रूप से थकी हुई थी। उन्हें सिर्फ एशेज चाहिए थी। ये खिलाड़ी मेडल के लायक हैं, आलोचना के नहीं। उनकी वहां जाने के लिए तारीफ होनी चाहिए।'


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