डीडीसीए में एडहॉक कमेटी बनाने का बीसीसीअाइ को नहीं अधिकार- हाई कोर्ट
नितिन मेहरा की चुनौती याचिका पर सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने कहा बीसीसीआइ काे डीडीसीए जैसी कंपनी पर एडहॉक कमेटी बनाने का अधिकार नहीं है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी बनाने की तैयारी कर रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। डीडीसीए पूर्व डायरेक्टर एवं सदस्य नितिन मेहरा की चुनौती याचिका पर सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने कहा बीसीसीआइ काे डीडीसीए जैसी कंपनी पर एडहॉक कमेटी बनाने का अधिकार नहीं है।
कानून में ऐसा कोई प्राावधान नहीं
पीठ ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान है कि एक कंपनी के ऊपर एक दूसरी फर्म टेकओवर कर सके। पीठ ने इसके साथ ही बीसीसीआइ को निर्देश दिया कि वह डीडीसीए का बकाए का दो सप्ताह के अंदर भुगतान करे। हालांकि, बकाया धनराशि के संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
बीसीसीआइ पर डीडीसीए का पैसा रोकने का आरोप
गत सुनवाई पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के माध्यम से नितिन मेहरा ने याचिका दायर कर दलील दी थी कि डीडीसीए का पैसा बीसीसीआइ ने रोका है और डीडीसीए की अपनी कोई आय नहीं है। उन्होंने कहा था कि एक समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी मिली है कि बीसीसीआइ डीडीसीए में तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी नियुक्त कर रहा है। जबकि बीसीसीआइ के पास अधिकार नहीं है कि वह डीडीसीए में कमेटी बना सके।
प्रकिया पर लगी रोक
उन्होंने सवाल उठाया था कि क्या कंपनी कानून में ऐसा कोई प्रावधान है कि बीसीसीआइ डीडीसीए पर कमेटी बैठा सकती है। बीसीसीआइ ने पिछली तारीख पर कहा था कि वह ऐसा चाहता तो है, लेकिन अदालत के सहमति पर ही बीसीसीआइ ऐसा करेगा। पीठ के निर्देश पर इसका निर्णय लिया जाए। बीसीसीआइ की दलील से असहमत पीठ ने एडहॉक समिति के गठन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।