क्रिकेट नहीं ये गेम खेलना चाहते थे युवराज सिंह, पर अपने पिता के आगे झुके और बन गए क्रिकेटर
Yuvraj Singh ने बताया कि वो अपने पापा की जिद के आगे झुक गए और फिर क्रिकेट खेलना शुरू किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। अब भारतीय क्रिकेट फैंस को युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का जलवा क्रिकेट के मैदान पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में देखने को नहीं मिलेगा। टीम इंडिया के मध्यक्रम के धाकड़ बल्लेबाज रहे युवी ने इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया। युवी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इसकी घोषणा की और कई ऐसी बातों का जिक्र किया जिससे उनके फैंस अंजान थे। युवी ने खुद बताया कि वो क्रिकेटर बनना ही नहीं चाहते थे, लेकिन उनके पिता की जिद की वजह से उन्हें क्रिकेट खेलने पर मजबूर होना पड़ा।
युवराज के मुताबिक उन्हें बचपन से ही स्केटिंग काफी पसंद था। वो इसी कमें अपना करियर भी बनाना चाहते थे। युवी ने कहा कि उन्हें आज भी स्केटिंग से बहुत प्यार है। बचपन में स्केटिंग नहीं कर पाने का दुख मुझे आज भी है। मुझे इसमें काफी मजा आता था पर जब मेरे पिताजी को इसके बारे में पता चला तो उन्हें इस पर काफी गुस्सा आया और वो मुझे नापसंद करने लगे। एक बार उन्होंने गुस्से में आकर मेरे स्केटिंग जूके ही फेंक दिए।
युवी ने कहबा कि मैं कभी भी क्रिकेट नहीं खेलना चाहता था, लेकिन मेरे पापा की जिद ने मुझे क्रिकेटर बना दिया। आज भी मेरे उपर बोझ है कि मैं स्केटिंग नहीं कर पाया। मैं आपको बता दूं कि मुझे आज भी जैसे ही मौका मिलता है मैं स्केटिंग जरूर करता हूं। गौरतलब है कि युवी के पिता योगराज सिंह भी क्रिकेटर थे और टीम इंडिया के लिए खेल चुके हैं। वैसे युवराज सिंह जैसे बड़े प्लेयर का इस तरह से संन्यास लेना थोड़ा निराश जरूर करता है, लेकिन ये भी एक सच है कि उगते सूरत का अस्त भी होता है। वैसे युवी के पिता अगर सख्त ना हुए होते तो टीम इंडिया को ऐसा 'सिक्सर किंग' नहीं मिलता।
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