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EXCLUSIVE: MS Dhoni के संन्यास का फैसला उन पर ही छोड़ देना चाहिए : हाशिम अमला

दैनिक जागरण से खास बातचीत करते हुए दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज हाशिम अमला ने अपनी टीम को लेकर कई बातें कहीं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 09:12 PM (IST)
EXCLUSIVE: MS Dhoni के संन्यास का फैसला उन पर ही छोड़ देना चाहिए : हाशिम अमला
EXCLUSIVE: MS Dhoni के संन्यास का फैसला उन पर ही छोड़ देना चाहिए : हाशिम अमला

हाल ही में भारत के दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीकी टीम टेस्ट सीरीज में विराट कोहली की टीम से बुरी तरह से मात खाकर गई। माना जा रहा है कि एबी डिविलियर्स और हाशिम अमला के संन्यास लेने के बाद यह टीम पूरी तरह बिखर गई है। अमला का भी मानना है कि हर टीम का खराब दौर आता है और अभी दक्षिण अफ्रीका का खराब दौर चल रहा है। विश्व क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका की स्थिति और कुछ अन्य मुद्दों पर पूर्व दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज हाशिम अमला से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश..

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- भारत दौरे पर दक्षिण अफ्रीकी टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। आखिर दक्षिण अफ्रीकी टीम कहां कमजोर पड़ रही है?

--अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हर टीम के उतार-चढ़ाव का दौर आता है। ऐसी परिस्थितियों में हर टीम को समर्थन की जरूरत होती है। भारत में खेलना हमेशा से एक चुनौती रहा है। हालांकि इस बार विकेट बहुत अच्छी थीं। दक्षिण अफ्रीका ने भारत का मुकाबला किया, लेकिन वह उसकी खराब स्थिति को टालने के लिए काफी नहीं था। समय के साथ यह टीम भी सीख जाएगी और अगली बार जब यह टीम भारत दौरे पर आएगी तो उसके पास अच्छा प्रदर्शन करने की ज्यादा संभावना रहेंगी।

- एमएस धौनी के संन्यास लेने की खबरों पर भी चर्चा हो रही है। क्या आपको लगता है कि धौनी के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का यह सही समय है ?

--एमएस धौनी एक चैंपियन खिलाड़ी हैं। उनके पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आपार अनुभव है। उन्हें अपने करियर को किस दिशा में मोड़ना है, इसको लेकर वह खुद फैसला ले सकते हैं। ऐसे में संन्यास का फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया जाए।

- रोहित शर्मा ने एक टेस्ट ओपनर के तौर पर जबरदस्त शुरुआत की है। विश्व स्तर के ओपनर रहने के नाते आप उनके टेस्ट करियर को कैसे देखते हैं ?

- भारत के पास रोहित के रूप में एक बेहतरीन खिलाड़ी है। वह समय के साथ और बेहतर होते जा रहे हैं। उनकी तरक्की देखना बहुत सुखद अनुभव है क्योंकि वह दुनिया के ऐसे खिलाडि़यों में शामिल हैं जिन्हें खेलते देखने में मजा आता है। मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में भी वह अच्छा करेंगे और उनके प्रशंसकों को वह रास आएगा।

- विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत सबसे आगे चल रहा है। आने वाले समय में भारत को किस टीम से चैंपियनशिप में कड़ी टक्कर मिल सकती है?

-देखिए, मैंने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है तो इस पर मैं अपने विचार कुछ खास नहीं रख सकता। हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। टीमों की स्थिति के बार में अभी कुछ कहना ज्यादा सही नहीं होगा। कम से कम सभी टीमें 10-10 टेस्ट खेल लें फिर तुलना की जा सकती है और अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन सी दो टीमें शीर्ष पर होंगी।

- आपकी उम्र तो अभी 36 साल ही है लेकिन दुनिया के कई क्रिकेटर 40 साल की उम्र में भी खेल रहे हैं। आपके संन्यास की कोई खास वजह?

--मुझे लगता है कि हर देश में संन्यास के लिए अलग-अलग मानक और मानदंड हैं। मुझे नहीं लगता कि दक्षिण अफ्रीका में कोई भी 40 साल की उम्र तक खेलना चाहेगा या फिर खेल पाएगा। मैं जब तक दक्षिण अफ्रीका के लिए खेल सकता था, मैं खेला। हर चीज अच्छे के लिए होती है और मुझे दक्षिण अफ्रीका के लिए खेलने का मौका मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

- आप अगले महीने से शुरू हो रहे टी-10 में कर्नाटक टस्कर्स की अगुआई करने जा रहे हैं। इस नई जिम्मेदारी के लिए आप कितने उत्साहित हैं?

-मैं इस नई शुरुआत का हिस्सा बनने को लेकर बहुत उत्साहित हूं। ड्रीम टू प्ले जैसी पहल के जरिये इस लीग में युवा खिलाडि़यों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बहुत अच्छा मौका मिलेगा। इस पहल के माध्यम से युवा खिलाडि़यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के दिग्गज खिलाडि़यों के साथ खेलने का मौका मिलेगा। मुझे अगर ऐसा मौका बचपन में मिलता तो शायद मैं उसे कभी नहीं चूकता।

- पहले टेस्ट, फिर वनडे और टी-20 के बाद अब टी-10 भी लोगों को रास आ रहा है। क्या इसे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आजमाया जा सकता है ?

- देखिए, टी-10 की अभी शुरुआत ही हुई है। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि सबसे छोटे प्रारूप की वजह से यह दर्शकों को अपनी ओर खींचता है। मुकाबले की अवधि कम होने की वजह से यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मुझे लगता है कि 10-12 साल पहले जो स्थिति टी-20 की थी, कुछ वैसी ही अब टी-10 की है। उम्मीद है कि आने वाले समय में इसे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसको आजमाए जाने की पूरी संभावना है।


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