MS Dhoni Birthday: महेंद्र सिंह धौनी के 5 बड़े हैरान करने वाले फैसले, जिससे 'सन्न' रह गई दुनिया
MS Dhoni Birthday 2007 टी20 फाइनल में जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर देना हो या फिर ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर बीच सीरीज में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना। धौनी ने सबको हैरान किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट की कप्तानी को एक नई पहचान दिलाने वाले महेंद्र सिंह धौनी का नाम भारत के ही नहीं दुनिया के सफलतम कप्तानों में शुमार है। धौनी जैसा विकेटकीपर ना तो आज तक भारत ने देखा और शायद ही आगे देखने को मिले। धौनी कब क्या कर जाएं इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने मैदान पर अपने फैसले से विरोधी को चौंकाया और मैदान से बाहर फैंस को हैरान परेशान कर दिया।
मैदान के अंदर साल 2007 टी20 फाइनल में जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर में गेंदबाजी देना हो या फिर ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर बीच सीरीज में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना। धौनी के अचानक लिए फैसले ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया।
साल 2007 टी-20 विश्व कप फाइनल
धौनी को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी और एक युवा टीम के साथ अनजाने से फॉर्मेट में उन्होंने भारत का डंका बजाया। 2007 में पहला टी-20 विश्व कप खेलने पहुंचे धोनी ने फाइनल में मैदान के सबसे बड़े विरोधी पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में जीत हासिल की। भारतीय कप्तान ने आखिरी ओवर में मिस्बाह उल हक के सामने ऑल राउंडर जोगिंदर शर्मा को गेंदबाजी का जिम्मा सौंपा और दर्शकों की सांसें थम गई। भारत ने जीता और धौनी का फैसला सही साबित हुआ।
2009 टी-20 विश्व कप में पूरी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे
पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग और धौनी के बीच अनबन की खबरें टीवी चैनल पर जोर शोर से दिखाई जा रही थी। इंग्लैंड में खेले गए 2009 टी-20 विश्व कप से ठीक पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में धौनी पूरी टीम के साथ पहुंचे थे। कप्तान के इस फैलने एक बार फिर से सबको हैरानी में डाल दिया।
साल 2011 विश्व कप फाइनल में युवराज से पहले बल्लेबाजी
साल 2011 में धौनी ने श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप फाइनल में युवराज सिंह से पहले मैदान पर आकर एक बड़ा फैसला लिया था। धौनी को मैदान पर खतरों का खिलाड़ी कहा जाता है और विश्व कप फाइनल जैसे बड़े मंच पर उन्होंने ना सिर्फ प्रयोग किया बल्कि इस सही साबित कर भारत को शानदार छक्का लगा 28 साल बाद विश्व विजेता बनाया।
2014 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बीच टेस्ट सीरीज में संन्यास
धौनी को विश्व क्रिकेट के सबसे निस्वार्थी क्रिकेटर में गिना जाता है तभी साल 2014 में जब उनका करियर काफी अच्छा चल रहा था अचानक से टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी। धौनी के फैंस और क्रिकेट जानकार उस वक्त हैरान रह गए जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बीच सीरीज में उन्होंने टेस्ट से संन्यास की घोषणा कर दी। चार टेस्ट की सीरीज का तीसरा मैच खत्म होते ही उन्होंने टेस्ट को अलविदा कहना का फैसला लिया और फिर कभी सफेद जर्सी में भारत की तरफ से खेलने नहीं उतरे।
अचानक छोड़ी वनडे और टी-20 की कप्तानी
साल 2017 में धौनी का एक और चौंकाने वाला फैसला सामने आया जिसने सबको हैरान कर दिया। भारत को दो विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान ने अचानक ही कप्तानी छोड़ने का फैसला सुना दिया। 4 जनवरी 2017 को धोनी के टी-20 और वनडे की कप्तानी छोड़ने के कदम से क्रिकेट जगत में सनसनी फैल गई थी।