इंग्लैंड दौरे के पीछे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने चली चाल, कोच ने इशारों में बताई मंशा
मुख्य चयनकर्ता और कोच मिस्बाह उल हक ने दौरे पर जाने वाली टीम की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा है कि इस दौरे से बदले में कुछ भी नहीं चाहिए लेकिन इशारा पाकिस्तान में आकर खेलने का था।
नई दिल्ली, जेएनएन। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड के दौरे पर टेस्ट और टी20 सीरीज खेलना है। कोरोना वायरस फैलने के बाद पहली बार पाकिस्तान की टीम किसी विदेशी दौरे पर जाने वाली है। मुख्य चयनकर्ता और कोच मिस्बाह उल हक ने दौरे पर जाने वाली टीम की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा है कि इस दौरे से बदले में कुछ भी नहीं चाहिए लेकिन इशारों में पाकिस्तान आकर खेलने की बात कह दी।
तीन टेस्ट और इतने ही टी20 मुकाबलों की सीरीज खेलने के लिए अगस्त में पाकिस्तान की टीम इंग्लैंड का दौरा करेगी। टीम के मुख्य चयनकर्ता और कोच ने बताया, पाकिस्तान की टीम कोविड 19 महामारी में पाकिस्तान की टीम एक खतरा उठा रही है लेकिन इसके लिए उसे इंग्लैंड से किसी तरह की कोई तरफदारी की उम्मीद नहीं रखते हैं।
इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज 30 जुलाई से 24 अगस्त के बीच खेली जाएगी। टी20 सीरीज के मुकाबले 29 अगस्त से 2 सितंबर के बीच होंगे। हालांकि अभी तक इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट ने इस सीरीज के मुकाबलों की तारीख जारी नहीं की है।
"ऐसा कुछ हमारे दिमाग में नहीं है कि हम वहां जा रहे हैं और मन में यह रखा है कि ईसीबी इसके बदले में हमारे लिए कुछ करेगा। यह हमारे लिए जरूरी है कि किसी जगह से इंटरनेशनल क्रिकेट को दोबारा शुरू किया जाए। खिलाड़ियों को दोबारा से मैदान पर वापसी करने दें, यही इस वक्त हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज है।"
साल 2009 में श्रीलंका क्रिकेट टीम की बस पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही विदेशी टीमें पाकिस्तान का दौरा नहीं करती हैं। श्रीलंका ने पिछले साल इस क्रम को तोड़ते हुए पाकिस्तान में जाकर सीरीज खेली थी। इसके बाद बांग्लादेश की टीम भी पाकिस्तान में खेलने गई थी। इंग्लैंड की टीम ने साल 2005-06 के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा है कि कोच मिस्बाह ने इशारों इशारों में इंग्लैंड के पाकिस्तान दौरे की बात कहनी चाही है।
इंग्लैंड को पाकिस्तान बुलाने की पाकिस्तान की मंशा
"अगर बड़े पैमाने पर इस चीज को देखने के कोशिश करें तो हमें किसी भी तरह से कोई तरफदारी की उम्मीद नहीं है। सिर्फ ईसीबी ही नहीं बल्कि सभी क्रिकेट खेलने वाले देशों के एक दूसरे की मदद करनी चाहिए जिससे की खेल का विकास हो सके। यह पाकिस्तान के क्रिकेट फैंस के लिए जरूरी है और साथ ही पाकिस्तान क्रिकेट के लिए जरूरी है कि विदेशी टीमें पाकिस्तान का दौरा करना शुरू करे।"