किंग्स इलेवन पंजाब को तालिका में बढ़ाने के लिए केएल राहुल को रवैया बदलना होगा- संजय मांजरेकर
मांजरेकर ने कहा KL Rahul शानदार बल्लेबाज हैं और उन चुनिंदा खिलाडि़यों में भी जो 360 डिग्री का खेल खेलते हैं। जब वह क्रिकेट की किताब के बाहर के वो शॉट्स खेलते हैं तो वे शॉट्स भी उतने ही खूबसूरत और दर्शनीय लगते हैं जितना कि उनका कवर ड्राइव।
(संजय मांजरेकर का कॉलम)
इस टूर्नामेंट की कई सारी बातों में से मेरे लिए एक मुद्दा कप्तान केएल राहुल और कप्तानी का उनकी बल्लेबाजी पर संभावित असर है। पहले बात करते हैं उनकी बल्लेबाजी की। राहुल एक शानदार बल्लेबाज हैं और उन चुनिंदा खिलाडि़यों में भी जो 360 डिग्री का खेल खेलते हैं। जब वह क्रिकेट की किताब के बाहर के वो शॉट्स खेलते हैं तो वे शॉट्स भी उतने ही खूबसूरत और दर्शनीय लगते हैं जितना कि उनका कवर ड्राइव।
इस टूर्नामेंट में साल 2018 राहुल के लिए बेहतरीन रहा। तब हमने उन्हें एक जबरदस्त टी-20 बल्लेबाज के तौर पर उभरते देखा। स्ट्राइक रेट के मामले में उन्होंने तब टी-20 क्रिकेट के महान खिलाडि़यों को कड़ी टक्कर दी। उस सत्र में राहुल ने 158 के जबरदस्त स्ट्राइक रेट के साथ 659 रन बनाए थे। ये किसी सत्र का शानदार प्रदर्शन था और सच कहूं तो इसे दोहराना आसान नहीं होता।
हालांकि अगले सत्र में मुझे कुछ बदलाव महसूस हुआ। वह उतनी आजादी से बल्लेबाजी नहीं कर रहे थे, जितनी कि उन्होंने पिछले सत्र में की थी। ऐसा लग रहा था कि उन्होंने खुद को रोक रखा है। यह उस तरह के बल्लेबाज का स्पष्ट मामला था जो तेजी से रन बना सकता है, लेकिन बना नहीं रहा है। जब मैंने उस सत्र में उनके आंकड़े देखे तो स्ट्राइक रेट 130 तक गिर गया था। यानी जो बदलाव उनकी बल्लेबाजी में नजर आ रहा था वो उनके आंकड़ों में भी दिखाई देने लगा।
आइपीएल 2020 में भी उनकी स्ट्राइक रेट 130 के करीब ही है। और वो भी तब जबकि उनकी एक पारी का स्ट्राइक रेट असाधारण था। शारजाह में राजस्थान के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए राहुल अपने साथी ओपनर मयंक अग्रवाल के साथ बस क्रीज पर खड़े रहने की कोशिश करते दिखे। तब मयंक करीब 200 के स्ट्राइक रेट से खेल रहे थे और राहुल ने अपनी पारी 127 के स्ट्राइक रेट के साथ खत्म की। पंजाब वह मैच हार गया। बेशक वह अकेले इसके लिए जिम्मेदार नहीं थे।
मुझे नहीं लगता कि राहुल पर कप्तानी की जिम्मेदारी की वजह से उनका ऐसा प्रदर्शन है बल्कि शायद साल 2018 सत्र के बाद से उन्होंने खुद ही अपने विकेट की कीमत बढ़ा दी है। इस अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट 143 का रहा है। अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच मतलब विपक्षी टीम का शानदार गेंदबाजी आक्रमण। बावजूद इसके तब वह अधिक आजादी से खेलते दिखे। क्यों?
मुझे लगता है कि वह ये सोचते होंगे कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम में निचले स्थान पर बेहतरीन खिलाड़ी हैं तो उनकी अकेले की विकेट से बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। पंजाब को अगर अब अंक तालिका में आगे बढ़ना है तो केएल राहुल को भारतीय टीम का रवैया ही यहां भी अपनाना होगा। वो भी बिना किसी और की चिंता करते हुए। क्योंकि मौजूदा रवैया न तो उनके काम आ रहा है और न ही उनकी टीम के।