Move to Jagran APP

पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने कहा, 1989 में भारत-पाकिस्तान सीरीज में हुई थी 'बॉल टैंपरिंग'

मनोज प्रभाकर ने भी सीख लिया था कि गेंद पर खरोंच कैसे लगानी है जिससे कि रिवर्स स्विंग मिल सके और पाकिस्तान की टीम के लिए उन्होंने मुश्किलें पैदा की थी।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 03:54 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 03:54 PM (IST)
पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने कहा, 1989 में भारत-पाकिस्तान सीरीज में हुई थी 'बॉल टैंपरिंग'
पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने कहा, 1989 में भारत-पाकिस्तान सीरीज में हुई थी 'बॉल टैंपरिंग'

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1989 में खेली गई सीरीज के दौरान बॉल टैंपरिंग अनियंत्रित था। उस वक्त ऐसा करना बहुत साधारण सी बात थी क्योंकि गेंद को स्विंग हासिल करने के लिए खरोंच लगाना की इजाजत थी। उस वक्त तो ऐसा करने पर मैच खेलने वाली दोनों ही टीमों का कोई भी खिलाड़ी ध्यान नहीं देता था, शिकायत को दूर की बात लोग ऐसा करना सीखते थे।

loksabha election banner

"उन दिनों गेंद को खरोंचने की अनुमति थी, इसलिए वजह से आप रिवर्स स्विंग का इतना ज्यादा इस्तेमाल कर पाते थे। यह तो ऐसा था कि इस चीज के लिए दोनों ही टीमों में से कोई भी शिकायत नहीं करता था। सभी गेंद को खरोचता था और गेंद को रिवर्स स्विंग कराता था। यह बल्लेबाज के लिए काफी मुश्किल होता था, बल्लेबाजी करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता था।"

मनोज प्रभाकर ने भी सीखा था तरीका

मोरे ने उस भारतीय गेंदबाज का भी नाम लिया जिन्होंने गेंद के साथ टैंपरिंग करते हुए रिवर्स स्विंग हासिल किया था। इससे पाकिस्तान के बल्लेबाजों को काफी मु्श्किलें हुई थी। "मनोज प्रभाकर ने भी सीख लिया था कि गेंद पर खरोंच कैसे लगानी है जिससे कि रिवर्स स्विंग मिल सके और पाकिस्तान की टीम के लिए उन्होंने मुश्किलें पैदा की थी।" 

मोरे ने बताया कि अंपायर उस समय इस चीज से निपटने के लिए असहाय होते थे। मैच अधिकारियों ने उस सीरीज में भारत के कप्तान के श्रीकांत और पाकिस्तानी कप्तान इमरान खान से बात भी की थी लेकिन फिर भी ज्यादा कुछ बदलाव नहीं देखने को मिला था।

सचिन ने किया था इंटरनेशनल डेब्यू

इसी सीरीज के दौरान भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर और पाकिस्तानी धुरंधर वकार युनिस ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था। सीरीज में खेले गए चारों मुकाबले ड्रॉ रहे थे। संजय मांजरेकर ने सबसे ज्यादा 218 रन बनाए थे जबकि वसीम अकरम ने सबसे ज्याद 18 विकेट चटकाए थे।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.