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The Wall राहुल द्रविड़ का नाम मतदाता सूची से कटा, नहीं कर पाएंगे Lok Sabha Election 2019 में मतदान

राहुल द्रविड़ चुनाव आयोग के अम्बेसडर हैं और इस बार लोकसभा चुनाव में वे ही मतदान नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची से कट गया है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 12:21 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 12:22 PM (IST)
The Wall राहुल द्रविड़ का नाम मतदाता सूची से कटा, नहीं कर पाएंगे Lok Sabha Election 2019 में मतदान
The Wall राहुल द्रविड़ का नाम मतदाता सूची से कटा, नहीं कर पाएंगे Lok Sabha Election 2019 में मतदान

नई दिल्ली, एएनआइ। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और श्रीमान भरोसेमंद व 'द वॉल' कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ कर्नाटक चुनाव आयोग के एम्बेसडर हैं। कर्नाटक की सड़कों पर जगह-जगह राहुल के पोस्टर देखे जा सकते हैं। इन पोस्टरों के जरिए राहुल अपील करते हुए दिखते हैं- 'लोकतंत्र की जीत के लिए मतदान करें'। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में 18 अप्रैल को मतदान होना है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि खुद द्रविड़ ही इस बार अपना वोट नहीं डाल पाएंगे।

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वोटर लिस्ट में नहीं राहुल द्रविड़ का नाम
दरअसल, राहुल द्रविड़ का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। इसकी वजह यह है कि द्रविड़ और उनकी पत्नी विजेता अब इंदिरानगर से आरएमवी एक्सटेंशन के अश्वथनगर में शिफ्ट हो चुके हैं। शिफ्ट होने के बाद  राहुल द्रविड़ का नाम पहले बैंगलोर सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की लिस्ट में दर्ज था, जहां वह इंदिरा नगर में अपने पैतृक घर में रहते थे। वहां से मलेश्वरम शिफ्ट होने के बाद उन्होंने इंदिरानगर की वोटर लिस्ट से अपना नाम हटाने का आवेदन किया था। उस लिस्ट से उनका नाम तो हट गया, लेकिन नई जगह की वोटर लिस्ट में अपने नाम जुड़वाने के लिए राहुल ने फॉर्म नहीं भरा।

बेंगलुरू नगर निगम के अधिकारी एल. सुरेश ने कहा, 'द्रविड़ ने पूर्वी उपनगर में अपने माता-पिता के घर से उत्तरी बेंगलुरू शिफ्ट होने के बाद मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज नहीं कराया है। मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने की आखिरी तारीख 16 मार्च थी।' 

राहुल द्रविड़ मई 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनाव आयोग के एम्बेसेडर भी थे। द्रविड़ का नाम पिछले निर्वाचन क्षेत्र (बैंगलोर सेंट्रल) से हटा दिया गया था, क्योंकि उनके भाई ने निगम अधिकारियों को बताया था कि विधानसभा चुनाव के बाद वह उत्तरी बेंगलोर के उपनगर में शिफ्ट हो गए हैं।

मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की जिम्मेदारी व्यक्ति की स्वयं की होती है। ऐसे में राहुल द्रविड़ इस बार मतदान नहीं कर पाने के लिए खुद ही जिम्मेदार होंगे। एक प्रतिष्ठित शख्सियत और चुनाव आयोग के ब्रांड अम्बेसडर होने के नाते उन्हें 16 मार्च से पहले मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन करना चाहिए था। Lok Sabha Election 2019 में उन्हें मतदान का मौका नहीं मिलेगा। सब कुछ ठीक रहा तो अब उन्हें लोकसभा के लिए मतदान करने का अगला मौका 2024 में ही मिलेगा।


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