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हार्दिक की तुलना कपिल से करने पर भड़के सुनील गावस्कर, कह दी ये बड़ी बात

गावस्कर ने कहा कि कपिल महान क्रिकेटर हैं और उनकी तुलना हार्दिक पांड्या से करना सही नहीं है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 09:50 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 10:38 AM (IST)
हार्दिक की तुलना कपिल से करने पर भड़के सुनील गावस्कर, कह दी ये बड़ी बात
हार्दिक की तुलना कपिल से करने पर भड़के सुनील गावस्कर, कह दी ये बड़ी बात

नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने हार्दिक पांड्या की तुलना कपिल देव से करने को गलत बताया है और कहा है कि कपिल सदी में होने वाले एक क्रिकेटर हैं और उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती है।

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गावस्कर ने कहा कि कपिल देव की तुलना किसी से भी नहीं करनी चाहिए। वह ना केवल पीढ़ी में एक बल्कि सर डॉन ब्रैडमैन और सचिन तेंदुलकर की तरह सदियों में पैदा होने वाले वाले क्रिकेटर हैं। हमें उनकी तुलना किसी के साथ नहीं करनी चाहिए। साथ ही गावस्कर लंबे प्रारूप में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के खेलने के तरीके से नाखुश दिखे। धवन बर्मिघम टेस्ट में 26 और 13 रनों की पारियां खेल पाए। गावस्कर ने कहा कि शिखर अपने खेल को बदलना नहीं चाहता है। वह उसी तरह से खेलने में विश्वास करता है जिसने उसे अब तक सफलता मिली है। आप वनडे क्रिकेट में ऐसे शॉट्स से बच सकते हो क्योंकि उसमें स्लिप में ज्यादा खिलाड़ी नहीं होते हैं और पुल या किनारा लेकर गेंद स्लिप के ऊपर से सीमा रेखा के बाहर चली जाती है लेकिन टेस्ट में इस तरह के शॉट्स के परिणामस्वरूप केवल आप विकेट की खोओगे। जब तक कोई खिलाड़ी मानसिक तालमेल नहीं बैठाता है, तब तक वह विदेशी परिस्थितियों में लाल गेंद के खिलाफ संघर्ष करता रहेगा।

गावस्कर ने दूसरे टेस्ट में भारत को एक अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मैं लॉ‌र्ड्स टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा के रूप में एक अतिरिक्त बल्लेबाज खिलाऊंगा। उनके पास टेस्ट मैचों के लिए जरूरी तकनीक और संयम है। अगर विकेट पर ज्यादा घास नहीं है तो मैं उसे उमेश यादव की जगह रखूंगा और हार्दिक पांड्या को भी टीम में बरकरार रखूंगा। भारतीय टीम को लॉ‌र्ड्स टेस्ट में जीत हासिल करने के लिए टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए। पिछले साल जोहानिसबर्ग में तीसरे टेस्ट के दौरान क्या हुआ था सबने देखा। तब दक्षिण अफ्रीकी टीम 200 रनों से पहले भारत के खिलाफ सिमट गई थी। ज्यादातर टीमें अंतिम पारी में 200 के करीब के लक्ष्य का पीछा करने में भी संघर्ष करती रही हैं। अगर एजबेस्टन में भारत की जगह इंग्लैंड की टीम लक्ष्य का पीछा कर रही होती तो वह भी संघर्ष करती।


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