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'राहुल द्रविड़ महान कप्तान थे, रात के 2 बजे भी खुले रहते थे उनके दरवाजे'

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान का मानना है कि द्रविड़ एक वनडे के एक बेहतरीन बल्लेबाज होने के साथ कमाल के कप्तान भी थे लेकिन उनको उतना नाम नहीं मिला।

By Viplove KumarEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 02:03 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 02:03 PM (IST)
'राहुल द्रविड़ महान कप्तान थे, रात के 2 बजे भी खुले रहते थे उनके दरवाजे'
'राहुल द्रविड़ महान कप्तान थे, रात के 2 बजे भी खुले रहते थे उनके दरवाजे'

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को टेस्ट क्रिकेट का महान बल्लेबाज माना जाता है लेकिन उनका प्रदर्शन वनडे में भी कमाल रहा है। पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान का मानना है कि द्रविड़ वनडे के एक बेहतरीन बल्लेबाज होने के साथ कमाल के कप्तान भी थे लेकिन उनको उतना नाम नहीं मिला। पठान ने कहा कि द्रविड़ दुनिया के सबसे ज्यादा कम आंके जाने वाले कप्तान रहे।

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ESPNCricinfo के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान इरफान पठान ने रैपिड फायर राउंड के दौरान द्रविड़ के बारे में कहा कि वो दुनिया के बहुत, बहुत ज्यादा अंडर रेटेड क्रिकेटर (Most, most, most underrated cricketer in the world) रहे हैं। पठान ने ऐसा करने के बारे में बयां करते हुए कहा, "द्रविड़ 100 प्रतिशत एक महान कप्तान थे। उनको टीम के क्या चाहिए था वो इस बात को लेकर बिल्कुल साफ विचार रखते थे।"

"हर एक कप्तान का अपना तरीका होता है ऐसा कप्तान होते हैं जो अलग तरीके से सोचते हैं और राहुल द्रविड़ उसमें से एक कप्तान थे जिनकी सोच बिल्कुल अलग था लेकिन वो अपने बातों में काफी साफ विचार रखते थे। वो कहा करते थे कि यह आपकी भूमिका है और आपको इसी के हिसाब से काम करना होगा।"

द्रविड़ 'टीम मैन' सबकुछ करने को तैयार रहते थे 

"वह आपसे हर एक चीज करने की चाह रखते थे। उन्होंने भी क्रिकेट इसी तरह से खेला। उन्होंने विकेटकीपिंग में योगदान दिया, पारी की शुरुआत करने के लिए तैयार थे, वह तीसरे नंबर पर भी बल्लेबाजी करने को राजी रहते थे। लोग कहते हैं वो वनडे के महान क्रिकेटर नहीं थे लेकिन उन्होंने 50 ओवर क्रिकेट में भी 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। वो एक महान टीम प्लेयर थे। उनकी कप्तानी का तरीका भी टीम के लिए ही था।"

द्रविड़ ऐसे कप्तान जो रात के दो बजे भी बात सुनते थे

"जब कभी भी कोई परेशानी होती थी तो वह हमेशा ही आपके लिए खड़े होते थे। कई बार कप्तानों से बात करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वह काफी चीजों से घिरे रहते हैं लेकिन द्रविड़ एक ऐसे कप्तान थे जिनके पास आप रात से दो बजे भी अपनी परेशानी लेकर जा सकते थे। एक कप्तान का काम होता है टीम के सभी खिलाड़ियों के बात करना और वह इसको काफी अच्छे से करते थे।"  


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