EXCLUSIVE INTERVIEW: आठ घंटे की नींद, अच्छा खाना, मसाज और तैराकी है फिटनेस का मंत्र : आवेश खान
आवेश खान ने कहा कि एक तेज गेंदबाज के तौर पर खुद को फिट रख रहा हूं और मैं अपनी ट्रेनिंग को समय देता हूं। मैं आठ घंटे की नींद लेता हूं अपने डायटिशियन के साथ खाने-पीने की चर्चा करता हूं।
लखनऊ सुपरजाइंट्स के तेज गेंदबाज आवेश खान का कहना है कि वह खुद को एक पूर्ण तेज गेंदबाज के तौर पर विकसित करना चाहते हैं, जो किसी भी परिस्थिति में गेंदबाजी करने में सक्षम हो। उन्होंने फिटनेस को लेकर भी बात की। भारतीय सीनियर टीम के लिए खेलने की आकांक्षा सहित आइपीएल के सफर को लेकर अभिषेक त्रिपाठी ने आवेश खान से की खास बातचीत, पेश हैं मुख्य अंश :
-लखनऊ ने आप पर भरोसा जताया, क्या पहले से उम्मीद थी आप इस टीम का हिस्सा होंगे?
-नहीं, मुझे इस बात की उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी कि लखनऊ मुझे लेगी लेकिन मैं चाहता था कि किसी नई टीम में जाऊं। लखनऊ ने मुझ पर भरोसा दिखाया और उनके भरोसे पर मैं अभी तक खरा उतरा हूं और आगे भी कोशिश करूंगा कि ऐसे ही प्रदर्शन करता रहूं और टीम को मैच जिताने में योगदान दे सकूं।
-आपकी गेंदबाजी में जो सुधार हुआ है उसके लिए किसने मदद की और आप खुद कितने परिपक्व हुए?
-मेरी गेंदबाजी में जो सुधार मैच खेलकर आया है। मेरे कोच हैं और मेरे सीनियर हैं, आनंद राजन तथा कपिल यादव, हमारे रणजी के कोच चंद्रकांत पंडित यह सभी लोग मेरी काफी मदद करते हैं। यह सभी मेरे मुकाबले देखते हैं और मुझसे जो गलती होती है, वो अगले दिन मुझे बताते हैं कि इसमें सुधार किया जा सकता है और उसके बाद मैं अगले मुकाबले में उसमें सुधार लाने की कोशिश करता हूं। मैच दर मैच मैं खुद में सुधार लाने की संभावना देखता हूं।
-सीनियर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने की आपकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, आप भारतीय तेज गेंदबाजी लाइन-अप में अपार प्रतिस्पर्धा को कैसे देखते हैं?
- मैं कभी नहीं सोचता हूं कि मेरी प्रतिस्पर्धा दूसरे किसी तेज गेंदबाज से है। मैं हमेशा खुद की गेंदबाजी में सुधार लाने की कोशिश करता हूं। मेरे हाथ में जो है वही मैं हमेशा कर सकता हूं। चयन की प्रक्रिया मेरे हाथ में नहीं है लेकिन मैं हमेशा इस बात पर ध्यान लगाता हूं कि एक खिलाड़ी और गेंदबाज के तौर पर खुद में और कितना सुधार ला सकता हूं। रास्ता तो काफी कठिन है लेकिन मैं किसी को अपने प्रतिस्पर्धी के रूप में नहीं देखता, मेरा ध्यान बस खुद के खेल में सुधार करने पर रहता है।
-- टी-20 क्रिकेट में तीन चरण होते हैं, आप खुद को गेंदबाजी में किस तरह विकसित कर रहे हैं?
- मैं खुद को एक पूर्ण गेंदबाज के तौर पर विकसित करना चाहता हूं, जो हर परिस्थिति में गेंदबाजी कर पाए। किसी भी गेंदबाज को टी-20 में चार ही ओवर मिलते हैं। मैं जब भी गेंद डालता हूं तो मेरी कोशिश किसी भी स्थिति में विकेट निकालने की होती है। मुझे तीनों चरण में गेंद डालने में मजा आता और मैं अपनी गेंदबाजी का आनंद उठाता हूं।
-- आप कई वर्षो से दिल्ली की टीम में रहे, अब आप एक नई टीम का हिस्सा हैं, इस टीम के तौर तरीके के बारे में बताएं?
- टीम के तौर तरीके अच्छे हैं और हमारे बीच काफी बातचीत भी होती है। एक टीम के रूप में हम लोग काफी अच्छा कर रहे हैं। हम नए-नए लोगों से मिलते हैं। हमारे मेंटर गौतम गंभीर हैं वो सभी से बात करते हैं। हमारे कोच एंडी फ्लावर भी सभी खिलाडि़यों से बात करते हैं और उनका आत्मविश्वास बनाए रखते हैं। टीम में एक अच्छा माहौल बना रखा है। जब भी टीम की बैठक होती है तो हर किसी को अपने बारे में बताना होता है और अपने जीवन के बारे में बताना होता है। इससे हम सभी एक दूसरे को जानते हैं। हम इस तरह एक टीम के रूप में विकसित हो रहे हैं।
-- एक तेज गेंदबाज के रूप में लंबे समय तक फिट रहना महत्वपूर्ण है। तो आप यह कैसे करते हैं?
- तेज गेंदबाज के तौर पर खुद को फिट रखना काफी जरूरी है और काफी कठिन भी है। हाल ही में काफी क्रिकेट हो रहा है, ऐसे में खुद को फिट रखना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि आगे भी मैच होने है। अभी आइपीएल चल रहा है और फिर दक्षिण अफ्रीका सीरीज भी होनी है। एक तेज गेंदबाज के तौर पर खुद को फिट रख रहा हूं और मैं अपनी ट्रेनिंग को समय देता हूं। मैं आठ घंटे की नींद लेता हूं, अपने डायटिशियन के साथ खाने-पीने की चर्चा करता हूं। अच्छा खाना खाता हूं। अपने शरीर को ज्यादा से ज्यादा फिट रखने की कोशिश करता हूं। इसके लिए मसाज लेता हूं और तैराकी भी करता हूं।
-- टास का बहुत प्रभाव रहा है आइपीएल में। जब लखनऊ टास हारती है तो खुद को गेंदबाजी के लिए कैसे तैयार करते हैं?
- हम आइपीएल के आखिरी चरण में हैं लेकिन पिच अभी भी तेज गेंदबाजों को मदद दे रही है। अभी भी गेंद स्विंग हो रही है, इसलिए कोशिश यही रहती है कि सही जगह गेंद डालूं और शुरुआत में विकेट निकालूं। जब भी देखता हूं कि पिच धीमी है तो कोशिश यही करता हूं कि स्लोवर गेंद डालूं। मैं मिक्स गेंद की कोशिश भी करता हूं। जिस हिसाब से पिच रहती है मैं उस हिसाब से खुद को ढालता हूं। यह नहीं कि पिच धीमी है तो इसपे मार पड़नी है। प्रक्रिया रहती है कि जिस हिसाब से पिच के तरीके से ही गेंदबाजी करूं क्योंकि अगर आपको एक पूर्ण गेंदबाज बनना है तो आपको हर स्थिति में गेंद डालनी आनी चाहिए।