IPL 2021: अच्छी शुरुआत से आधा काम हो जाता है आसान- सुनील गावस्कर
इस साल के टूर्नामेंट की इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी जैसी कि चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में हुई। बेंगलुरु ने ये मैच आखिरी गेंद पर अपने नाम किया और इसके साथ ही मुंबई ने एक बार फिर अभियान की शुरुआत हार के साथ की।
सुनील गावस्कर का कॉलम-
इस साल के टूर्नामेंट की इससे बेहतर शुरुआत नहीं हो सकती थी, जैसी कि चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में हुई। बेंगलुरु ने ये मैच आखिरी गेंद पर अपने नाम किया और इसके साथ ही मुंबई ने एक बार फिर अभियान की शुरुआत हार के साथ की। हर्षल पटेल ने धीमी गेंदों की विविधता भी दिखाई और बेहतरीन यॉर्कर का नजारा भी पेश किया।
यही वजह रही कि मुंबई के बड़े और लंबे शॉट खेलने वाले आक्रामक बल्लेबाज वैसी बल्लेबाजी नहीं कर सके जैसी कि वे आमतौर पर करते हैं। बावजूद इसके 160 रन का लक्ष्य आसान नहीं था और बेंगलुरु की टीम ऐसी स्थिति में पहुंच गई कि टीम को मंजिल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एबी डिविलियर्स पर छोड़ दी गई। इस मैच में दोनों टीमों के लिए सकारात्मक चीजें रहीं। हर्षल पटेल ने बेंगलुरु की शानदार वापसी कराई जबकि काइल जेमिसन ने भी अच्छा पदार्पण किया। मुंबई के लिए मार्को जैनसेन ने प्रभावित किया और डगआउट में ट्रेंट बोल्ट की मौजूदगी से वो और बेहतर ही होंगे।
हैदराबाद और कोलकाता की टीमें रविवार को अपना अभियान एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबले के साथ करेंगी। हैदराबाद के खिलाडि़यों के पास पिछले सत्र में प्लेऑफ में पहुंचने का आत्मविश्वास भी होगा। हैदरबाद ने मिनी नीलामी में अपनी टीम के साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की। यह टीम संतुलित नजर आ रही है और उसके पास सर्वश्रेष्ठ टी-20 स्पिनर राशिद खान हैं जो मध्य ओवरों में विरोधी टीम को परेशानी में डाल सकते हैं। इसके अलावा वह लगातार विकेट लेकर विरोधी बल्लेबाजों की योजना को तबाह करने की काबिलियत भी रखते हैं।
भुवनेश्वर कुमार की फिटनेस के साथ वापसी ने भी हैदराबाद के अवसर को मजबूती ही दी है। अब उनके पास दो विश्वस्तरीय गेंदबाज हैं जो किसी भी बल्लेबाज को मुश्किल में डाल सकते हैं। अगर पिछले सत्र की तरह ही नटराजन इस सत्र में भी गेंदबाजी करते हैं तो हैदराबाद के खिलाफ रन बनाना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं होगा। टीम की बल्लेबाजी भी काफी संतुलित नजर आ रही है। कप्तान डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयरस्टो के साथ टीम के पास केन विलियमसन और मनीष पांडे भी हैं।
कोलकाता ने पिछला सत्र दिनेश कार्तिक की कप्तानी पर उठे सवालों के साथ शुरू किया था। कुछ मैचों के बाद ही कार्तिक भी इस बात को समझ गए और अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। ऐसा नहीं है कि इस बदलाव से तुरंत की कोलकाता की किस्मत पलट गई क्योंकि खिलाडि़यों के लिए भी बीच टूर्नामेंट में कप्तानी बदले जाने की प्रक्रिया से तालमेल बैठाना आसान नहीं होता। हालांकि इस साल काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि बल्लेबाजी के दौरान टीम की शुरुआत कैसी रहती है।
अधिकतर टीमों ने सुनील नरेन की कमजोरी भांपकर उन्हें शॉर्ट पिच गेंदबाजी करके काबू में रखना सीख लिया है। ऐसे में इयोन मॉर्गन और आंद्रे रसेल पर पारी को तूफानी गति देने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। टीम की गेंदबाजी पैट कमिंस, लॉकी फग्युर्सन, प्रसिद्ध कृष्णा, शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी के साथ बेहतर नजर आ रही है। वरुण चक्रवर्ती का जवाब भी अभी बल्लेबाज तलाश नहीं सके हैं। अगर नरेन भी अपने पुराने एक्शन वाली गेंदबाजी का आधा प्रदर्शन भी कर पाए तो फिर कोलकाता के पास एक बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण होगा। कहा जाता है कि अच्छी शुरुआत आधा काम आसान कर देती है। ऐसे में दोनों टीमों की नजरें जीत के साथ अभियान शुरू करने पर होंगी।