फिर सामने आई कोच शास्त्री और गांगुली की खटास, IPL के लिए सबको दी बधाई नहीं लिया दादा का नाम
रवि शास्त्री ने नाम सिर्फ अपनी टीम के साथ मिलकर इसे भारत के बाहर आयोजित किया बल्कि सफल भी बनाया। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने टूर्नामेंट के आयोजन पर सबको बधाई दी है लेकिन इसमें गांगुली का नाम शामिल नहीं है।
नई दिल्ली, जेएनएन। इंडियन प्रीमियर लीग के सफल आयोजन से सभी बेहद खुश हैं। कोरोना काल में भारत के बाहर इस बड़े आयोजन को कराना एक चुनौती थी जिसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुखिया सौरव गांगुली ने स्वीकार की। उन्होंने नाम सिर्फ अपनी टीम के साथ मिलकर इसे भारत के बाहर आयोजित किया बल्कि सफल भी बनाया। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने टूर्नामेंट के आयोजन पर सबको बधाई दी है लेकिन इसमें गांगुली का नाम शामिल नहीं है।
टीम इंडिया के कोच शास्त्री और बीसीसीआई अध्यक्ष के बीच के रिश्ते जगजाहिर हैं। दोनों के बीच अब तक रिश्ते में सुधार नहीं आया है। 10 नवंबर को शास्त्री का किया गया ट्वीट तो कम से कम यही इशारा कर रहा है। फाइनल मुकाबला खत्म होने के बाद उन्होंने एक ट्वीट किया जिसमें जय शाह, ब्रजेश पटेल और हमांग अमीन को खास कर बधाई दी गई है। इसमें सौरव गांगुली का जिक्र नहीं किया गया जबकि वह बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं और आइपीएल को भारत को बाहर कराने में उनका सबसे बड़ा योगदान रहा।
Take a BOW @JayShah, Brijesh Patel, @hemangamin and the medical staff of the @BCCI for pulling off the impossible and making it a Dream @IPL #IPL2020 #IPLfinal pic.twitter.com/5rL6oqOLmC— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) November 10, 2020
क्या है गांगुली और शास्त्री के बीच अनबन की वजह
भारतीय टीम का मुख्य कोच बनने से पहले भी शास्त्री ने इस पद के लिए आवेदन किया था लेकिन तब सलाहकार समिति में उनको पद के लायक नहीं समझा था। पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को वीवीएल लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली की समिति ने कोच चुनकर उनके नाम कि सिफारिश की थी। बताया जाता है कि उस समय गांगुली की वजह से ही शास्त्री कोच नहीं बन पाए थे। इंटरव्यू में वह शामिल नहीं थे और इस पर शास्त्री ने आपत्ति जताते हुए बयान भी दिया था।