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भारती महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी इस मामले में हैं विदेशी खिलाड़ियों से कमजोर- अभय शर्मा

अभय शर्मा ने मुंबई में टीम के बायो-बबल में प्रवेश करने के बाद कहा कि जहां तक फील्डिंग की बात है तो समग्र विकास की जरूरत है। खेल बदल रहा है आपको अधिक फुर्तीला होना होगा। तकनीकी रूप से काम करने की जरूरत है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 08:20 PM (IST)
भारती महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी इस मामले में हैं विदेशी खिलाड़ियों से कमजोर- अभय शर्मा
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी (एपी फोटो)

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट सीरीज खेलनी है, लेकन इस सीरीज से ठीक पहले महिला टीम को फील्डिंग कोच अभय शर्मा ने महिला खिलाड़ियों की एक बड़ी कमी को उजागर किया। भारतीय टीम को इस दौरे पर इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट, तीन वनडे और इतने ही टी20 मैच खेलने हैं।

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अभय शर्मा ने मुंबई में टीम के बायो-बबल में प्रवेश करने के बाद कहा कि, जहां तक फील्डिंग की बात है तो समग्र विकास की जरूरत है। खेल बदल रहा है, आपको अधिक फुर्तीला होना होगा। तकनीकी रूप से काम करने की जरूरत है। मैंने जो देखा वह यह है कि बहुत सी लड़कियां थ्रो करने की तकनीक से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि, अगर आप अपने शुरुआती दिनों में गलत तकनीक विकसित कर लेते हैं तो यह आपको चोटों से परेशान करता है। एक बार जब तकनीक सही हो जाए तो आप ताकत बढ़ाने पर काम कर सकते हैं।

अभय शर्मा ने महसूस किया कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज में विरोधी टीम की महिला खिलाड़ी भारतीयों की तुलना में मैदान में बहुत फुर्तीली थी। उन्होंने कहा कि, इस बार मैं समूह के बजाय एक-एक कर के खिलाड़ियों के साथ बातचीत करूंगा और आकलन करूंगा कि वे खेल के बारे में क्या महसूस करती हैं। इसके बाद मैं उन्हें अपनी उम्मीदों पर खरा उतारने की कोशिश करूंगा।

उन्होंने कहा कि, उन्हें तकनीकी पहलू पर काफी मेहनत करने की जरूरत है। खिलाड़ियों पर कार्यभार ज्यादा है लेकिन उनके कंधे उतने मजबूत नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भारतीय टीम 12 महीने के बाद मैदान पर उतरी थी। दक्षिण अफ्रीकी टीम ने आसानी से टी20 और एकदिवसीय सीरीज जीत ली। शर्मा ने कहा, ‘हमें यह स्वीकार करना होगा कि विदेशी टीमों और हमारी लड़कियों (खिलाड़ियों) के बीच बहुत बड़ा अंतर है। दक्षिण अफ्रीकी महिला क्रिकेटर अधिक फुर्तीली थीं, वे तेजी से दौड़ रही थी और शारीरिक रूप से मजबूत भी थी।’


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