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क्रिकेटर नहीं ये बनना चाहते थे गौतम गंभीर, आज भी है अफसोस

गौतम गंभीर ने बताया कि क्रिकेटर बनना उनका पहला सपना नहीं था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 02:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 02:59 PM (IST)
क्रिकेटर नहीं ये बनना चाहते थे गौतम गंभीर, आज भी है अफसोस
क्रिकेटर नहीं ये बनना चाहते थे गौतम गंभीर, आज भी है अफसोस

नई दिल्ली, जेएनएन। सेना उनका पहला प्यार था, लेकिन नियति ने गौतम गंभीर को क्रिकेटर बना दिया। सफल क्रिकेटर बनने के बावजूद गौती का अपने पहले प्यार के प्रति लगाव कतई कम नहीं हुआ है और इस पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि शहीदों के बच्चों की मदद करने वाले एक फाउंडेशन के जरिये उन्होंने इस प्रेम को जीवंत रखा है। भारत को दो विश्व कप (2007 में विश्व टी-20 और 2011 में वनडे विश्व कप) में खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले गंभीर ने एक किताब के विमोचन के दौरान सेना के प्रति अपने जुनून को लेकर बात की।

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उन्होंने कहा, 'नियति को यही मंजूर था और अगर मैं 12वीं की पढ़ाई करते हुए रणजी ट्रॉफी में नहीं खेला होता तो मैं निश्चित तौर पर सेना में जाता क्योंकि वह मेरा पहला प्यार था और यह अब भी मेरा पहला प्यार है। असल में मुझे जिंदगी में केवल यही खेद है कि मैं सेना में नहीं जा पाया। इसलिए जब मैं क्रिकेट में आया तो मैंने फैसला किया मैं अपने पहले प्यार के प्रति कुछ योगदान दूं। मैंने इस फाउंडेशन की शुरुआत की जो कि शहीदों के बच्चों का ख्याल रखती है।' गंभीर ने कहा कि आने वाले समय में वह अपने फाउंडेशन को विस्तार देंगे। उन्होंने कहा, 'हम अभी 50 बच्चों को प्रायोजित कर रहे हैं। हम यह संख्या बढ़ाकर 100 करने वाले हैं।'

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