गम बांटने कोई भारतीय खिलाड़ी सिराज के कमरे में नहीं था, पिता के निधन ने बनाया मजबूत
India vs England सिराज जुनून और गौरव की कई कहानियों में से एक हैं जिसका जिक्र भारतीय क्रिकेट पर नई किताब मिशन डोमिनेशन एन अनफिनिश्ड क्वेस्ट में किया गया है। इसके लेखक बोरिया मजूमदार और कुशान सरकार हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने शानदार प्रदर्शन किया है। लार्ड्स में खेले गए मुकाबले में उन्होंने 8 विकेट हासिल किया और मैदान पर एक खास मामले में पूर्व दिग्गज कपिल देव को पीछे छोड़ा। सिराज की कहानी काफी खूबसूरत है जो भावनाओं से भरी है। इसमें त्रासदी का दुख, अपने कौशल में पारंगत होने का रोमांच और शीर्ष स्तर पर सफलता की खुशी शामिल है।
इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में हाल में संपन्न दूसरे टेस्ट में भारत की जीत के दौरान आठ विकेट चटकाकर सिराज ने दिखा दिया है कि आस्ट्रेलिया में उनकी सफलता तुक्का नहीं थी और वह लंबी रेस के घोड़े हैं। सिराज जुनून और गौरव की कई कहानियों में से एक हैं, जिसका जिक्र भारतीय क्रिकेट पर नई किताब 'मिशन डोमिनेशन : एन अनफिनिश्ड क्वेस्ट' में किया गया है। इसके लेखक बोरिया मजूमदार और कुशान सरकार हैं।
किताब के अनुसार, 'नवंबर में आस्ट्रेलिया में 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन के दौरान सिराज के पिता का इंतकाल हो गया था। इसका मतलब था कि टीम का उनका कोई भी साथी इस दौरान गम को साझा करने उनके कमरे में नहीं जा सकता था। उस समय सभी के कमरों के बाहर पुलिसकर्मी खड़े थे जिससे कि भारतीय नियमों का उल्लंघन नहीं करें। उनकी निगरानी ऐसे हो रही थी जैसे वे मुजरिम हैं जो आस्ट्रेलिया में कोविड फैला सकते हैं।
इसका नतीजा यह था कि टीम के साथी पूरे दिन उनके साथ वीडियो काल पर बात करते थे। वे चिंतित थे कि कहीं वह कुछ गलत न कर ले या खुद को नुकसान न पहुंचा ले। सिर्फ फिजियो उपचार के लिए उनके कमरे में जा सकते थे और नितिन पटेल ने अंदर जाकर इस युवा खिलाड़ी का गम साझा किया था। सिराज कई मौकों पर टूट गए, जो स्वाभाविक था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
वह भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की अपने पिता की इच्छा पूरी करना चाहते थे और जब मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बाक्सिंग डे टेस्ट के दौरान मौका मिला तो वह उसे हाथ से नहीं जाने देना चाहते थे।'
आस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में 13 विकेट चटकाकर सिराज रातों-रात स्टार बन गए। वह सीरीज के दौरान भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। इस किताब में इस बात का भी जिक्र है कि रिषभ पंत और नवदीप सैनी ने किस तरह दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए)में प्रतिकूल परिस्थितियों में प्रदर्शन किया और किस तरह दिनेश लाड ने किशोर शार्दुल ठाकुर के पिता को मनाया कि वह अपने बेटे को मुंबई जाने की स्वीकृति दें, जिससे कि वह शीर्ष स्तर का क्रिकेट खेल सके।