Ind vs NZ: न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी, पर 320 का स्कोर अच्छा : अजिंक्य रहाणे
Ind vs NZ अजिंक्य रहाणे ने कहा कि बेसिन रिजर्व की उछालभरी पिच पर पहली पारी में 320 रन का स्कोर अच्छा माना जाएगा।
वेलिंगटन, प्रेट्र। पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी बताते हुए भारतीय उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि बेसिन रिजर्व की उछालभरी पिच पर पहली पारी में 320 रन का स्कोर अच्छा माना जाएगा। रहाणे ने कहा, 'घरेलू हालात में उन्हें पता है कि कैसी गेंद डालनी है और बल्लेबाजों को पता है कि कौन से शॉट खेलने हैं। एक इकाई के रूप में हमें हालात के अनुरूप तेजी से ढलना होगा। न्यूजीलैंड के हर मैदान का आकार अलग है।'
भारत ने 2014 में लॉर्ड्स पर और 2018 में एडिलेड पर पहली पारी में 300 से कम स्कोर बनाकर जीत दर्ज की और रहाणे के अनुसार वेलिंगटन में भी ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा, 'पहले बल्लेबाजी करते हुए आपकी मनोदशा एकदम सकारात्मक होती है। ऐसा नहीं है कि पहले गेंदबाजी करने पर ऐसा नहीं होता। भारत के बाहर पहली पारी में 320 या 330 का स्कोर अच्छा कहा जाएगा। हमने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में जितने मैच जीते, पहली पारी में 320 या 350 के करीब रन बनाए थे। हमें पता है कि हमारे गेंदबाज हर हालात में विकेट ले सकते हैं, लेकिन टॉस हारने पर पहले बल्लेबाजी करनी पड़े तो पता होना चाहिए कि हालात का सामना कैसे करना है। सीम लेती पिचों पर सही मानसिकता के साथ उतरना जरूरी है। गेंदबाजों पर भी सपाट पिचों पर गेंदबाजी करते समय यही बात लागू होती है। उन्हें सपाट पिचों पर 20 विकेट लेने का भरोसा होना चाहिए।'
रहाणे ने कहा कि पिच के भीतर की नमी के कारण गेंद को कुछ टर्न मिलेगा। उन्होंने कहा, 'शायद हर दिन पहले सत्र में गेंद टर्न ले। न्यूजीलैंड में पिचें आम तौर पर दो दिन के बाद बल्लेबाजी के लिए अच्छी होती हैं। ऐसे में स्पिनरों की भूमिका अहम होगी, क्योंकि अश्विन और जडेजा दोनों विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।'
रहाणे की पंत को सलाह : रहाणे ने कहा कि रिषभ पंत को स्वीकार करना होगा कि वह खराब दौर से गुजर रहे हैं और उन्हें बतौर क्रिकेटर बेहतर होने पर फोकस जारी रखना होगा। 22 वर्ष के पंत पांच महीने पहले तक सभी प्रारूपों में विकेटकीपर के तौर पर भारत की पहली पसंद थे। उन्होंने सीमित ओवरों के प्रारूप में केएल राहुल को जगह गंवा दी, जबकि टेस्ट में रिद्धिमान साहा विकेटकीपर हैं।
रहाणे ने कहा, 'यह स्वीकार करना जरूरी है कि आप कहां खड़े हैं। सकारात्मक रहकर ज्यादा से ज्यादा सीखने की जरूरत है। बात सीनियर या जूनियर की नहीं है। किसी को भी बाहर बैठना अच्छा नहीं लगता, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि टीम को उस दिन क्या जरूरत है। हर खिलाड़ी के लिए स्थिति को स्वीकार करना अहम है। जो हम नियंत्रण में रख सकते हैं, उसी पर फोकस रखना होगा। बतौर क्रिकेटर मेहनत करते रहना होगा।'