लॉर्ड्स टेस्ट के बाद मैंने अपनी बल्लेबाजी के बारे में खूब सोचा- अजिंक्य रहाणे
रहाणे ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 81 रन बनाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि लॉर्ड्स टेस्ट मैच की दोनों पारियों में फेल होने के बाद मैंने अपनी बल्लेबाजी के बारे में काफी सोच-विचार किया। अपनी इसी चिंतन की वजह से मैं ट्रेंट ब्रिज में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 81 रन की पारी खेलने में कामयाब हो पाया। पहले दिन रहाणे ने विराट को साथ अच्छी साझेदारी की और भारतीय पारी को संभाला।
रहाणे ने कहा कि दूसरे टेस्ट मैच के बाद मैं ड्रेसिंग रूम में बैठा और अपनी अच्छी पारियों के बारे में सोचने लगा कि किस तरह से मैंने वो पारियां खेली। उन पारियों को खेलते वक्त मेरा माइंड सेट क्या था। उन पारियों में मैंने किस तरह से खुद को संयमित बनाए रखा। रहाणे ने भारत के लिए तब रन बनाया जब ये टीम बर्मिंघम और लॉर्ड्स में मैच गवां चुकी थी। उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल क्रिकेटरों को सफलता और असफलता दोनों का ही सामना करना पड़ता है लेकिन अगर आपकी सोच और दृष्टिकोण सही है तो रिजल्ट जरूर मिलता है। सही कहूं तो पहले दो टेस्ट में मिली असफलता के बाद मैं ज्यादा परेशान नहीं था। मेरा विश्वास था कि अगर सही गेंद मिली तो मैं जरूर हिट करूंगा। मैंने पिछली असफलता के बारे में काफी सोचा और इससे मुझपर काफी दबाव भी था। मेरा लक्ष्य था कि एक वक्त में सिर्फ एक ही गेंद को अपनी क्षमता के मुताबिक खेलूं।
तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में रहाणे ने कप्तान विराट के साथ मिलकर 159 रन की साझेदारी की। रहाणे ने कहा कि हमारा लक्ष्य था कि हम अपनी साझेदारी को बड़ा करें और जब सेट हो जाएं तब तेजी से रन जुटाएं। ये साझेदारी सचमुच टीम के लिए काफी अहम रहा। शुरुआत में हमारा लक्ष्य था कि हम स्ट्राइक को लगातार रोटेट करते रहें। मुझे लगता है कि जब आप रक्षात्मक तरीके से खेलने लगते हो तो अपना प्राकृतिक खेल नहीं खेल पाते हो।