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T20 लीग की बढ़ती संख्या से इंटरनेशनल क्रिकेट को खतरा, कहीं फुटबॉल जैसे न हो हश्र- डु प्लेसिस

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस के अनुसार घरेलू टी 20 लीग की लीग बढ़ती संख्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए खतरा बन गई है। उनका मानना है कि दोनों को संतुलित करने का एक तरीका खोजना चाहिए।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 06:37 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 06:37 PM (IST)
T20 लीग की बढ़ती संख्या से इंटरनेशनल क्रिकेट को खतरा, कहीं फुटबॉल जैसे न हो हश्र- डु प्लेसिस
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस।

दुबई, रायटर। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस के अनुसार घरेलू टी 20 लीग की लीग बढ़ती संख्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए खतरा बन गई है। उनका मानना है कि दोनों को संतुलित करने का एक तरीका खोजना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंग्लैंड, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित सभी शीर्ष क्रिकेट खेलने वाले देशों की अपनी टी20 लीग हैं। कैरिबियाई द्वीपों का समूह वेस्टइंडीज की भी अपनी लीग है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का हश्र भी फुटबॉल जैसा हो सकता है, जिसमें बड़े पैमाने पर घरेलू लीग आयोजित होते हैं। 

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बता दें कि फाफ डु प्लेसिस खुद आइपीएल समेत अन्य घरेलू टी 20 लीग में खेलते दिखाई देते हैं। वह आइपीएल में महेंद्र सिंह धौनी (MS Dhoni) की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) के लिए खेलते हैं। वह फिलहाल में अबूधाबी में पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) खेलने के लिए मौजूद हैं।

डु प्लेसिस ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करते हुए कहा,  'मुझे लगता है कि यह साल दर साल बढ़ रही टी-20 लीग क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए खतरा। अगर यह भविष्य में यह एक विकल्प बन जाता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को इससे वास्तविक खतरा हो सकता है।'

अगले 10 वर्षों में क्रिकेट लगभग फ़ुटबॉल की तरह हो जाएगा

डु प्लेसिस ने वेस्टइंडीज टीम का उदहारण देते हुए कहा कि टीम के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम पर फ्रेंचाइजी क्रिकेट को तरजीह देते हैं। उन्हें लगता है कि कई दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर इस राह पर अग्रसर हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अगले 10 वर्षों में क्रिकेट लगभग फ़ुटबॉल की तरह हो जाएगा, जहां दुनिया भर में हो रही लीग के बीच वर्ल्ड टूर्नामेंट आयोजित हों। । उन्हें लगता है कि यह देखने का प्रयास करना काफी महत्वपूर्ण है कि भविष्य में दोनों का अस्तित्व एक साथ कैसे संभव हो। वरना जिस तरह से अन्य टूर्नामेंट आगे बढ़ रहे हैं इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को काफी खतरा है।


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