इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने इन दो टीमों को बताया T20 वर्ल्ड कप का प्रबल दावेदार
इंग्लैंड टीम को हाल ही में वर्ल्ड कप का खिताब दिलाने वाले कप्तान इयोन मोर्गन ने बताया है कि कौन सी दो टीमें अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले T20 वर्ल्ड कप की प्रबल दावेदार हैं।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित हुए वर्ल्ड कप 2019 में इयोन मोर्गन की कप्तानी में इंग्लैंड ने अपने क्रिकेट करियर का पहला वनडे विश्व कप जीता था। लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए वर्ल्ड कप के 12वें सीजन के फाइनल मुकाबले में केन विलियमसन की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड टीम को हार झेलनी पड़ी थी। उस मैच में कई फैसले ऐसे हुए जो न्यूजीलैंड की टीम के खिलाफ गए और आज भी कीवी टीम उसे याद करती है। मोर्गन भी विलियमसन के दर्द को समझते हैं। मोर्गन अब अबू धाबी में होने वाली टी-10 लीग में भाग लेंगे जिसका प्रसारण सोनी नेटवर्क पर होना है। इस टी-10 लीग के प्रमोशन के लिए आए मोर्गन ने वनडे विश्व कप में चैंपियन बनने के सफर और अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप को लेकर अपनी राय रखी। पेश है अभिषेक त्रिपाठी से इयोन मोर्गन की विशेष बातचीत के मुख्य अंश-
-वनडे विश्व कप जीतने के बाद आप बहुत राहत और खुश महसूस कर रहे होंगे लेकिन टी-20 विश्व कप के रूप में एक और चुनौती सामने आ रही है। इसकी तैयारियां कैसी चल रही हैं ?
-सच कहूं तो इसकी तैयारियां अभी बस शुरू ही हुई हैं। अगले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप को शुरू होने में अभी करीब 12 महीने का समय शेष बचा हुआ है। ऐसे में हमारा ध्यान उन 18 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों पर है जिसे इस दौरान हम खेलने वाले हैं। निश्चित तौर पर वनडे विश्व कप चैंपियन होने के कारण हमारे ऊपर दबाव होगा लेकिन हम इसे सकारात्मक तौर पर लेंगे।
-आपको और केन विलियमसन को मौजूदा समय के सबसे कूल कप्तानों में गिना जाता है। विश्व कप में न्यूजीलैंड को हराने के बाद केन के लिए आपने कैसा महसूस किया ?
-कभी-कभी खेल बहुत नजदीकी हो जाता है और नतीजे का अंतर बहुत कम होता है। विश्व कप फाइनल में जीत का अंतर बहुत ही नजदीकी था और उसका नतीजा किसी भी तरफ जा सकता था। मैं समझ सकता हूं कि केन किन परिस्थितियों से गुजरे होंगे क्योंकि 2016 टी-20 विश्व कप के दौरान भी हम कुछ ऐसी ही परिस्थितियों से गुजरे थे जहां फाइनल में आखिरी ओवर में कार्लोस ब्रेथवेट ने लगातार चार छक्के लगाकर हमारे हाथ से जीत छीन ली थी। जहां तक केन का सवाल है तो वह बहुत अच्छे इंसान और कप्तान हैं।
-टी-20 विश्व कप से पहले आपको न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ उतरना है। इनमें से आपको किससे बड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है ?
-मुझे लगता है कि आप जब भी किसी विश्व कप में जाते हैं तो ऑस्ट्रेलिया और भारत को खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में देखते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया को मजबूत टीमों में गिना जाता है। आगामी टी-20 विश्व कप में भारत के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया खिताब का प्रबल दावेदार होगा क्योंकि उसे अपने घर में खेलने का फायदा होगा। हालांकि मुझे लगता है कि आने वाले मैचों में कुछ अच्छे नतीजे और तैयारियों के साथ जाने पर हालात थोड़े बदल सकते हैं।
-एशेज सीरीज के साथ ही इंग्लैंड के कोच के रूप में ट्रेवर बेलिस का कार्यकाल खत्म हो गया। आप उनके कार्यकाल को कैसे देखते हैं ?
-मुझे लगता है कि ट्रेवर का कार्यकाल बेहतरीन रहा। मैं उन्हें 10 में से 10 अंक दूंगा। इंग्लैंड की टीम की सफलता में उनका योगदान अभूतपूर्व रहा है। उन्होंने एक बेहतर कप्तान बनने में मेरी भी बहुत मदद की।
-सुनने में आ रहा है कि महेंद्र सिंह धौनी टी-20 विश्व कप के बाद संन्यास ले लेंगे। आप क्या कहेंगे ?
-मैं इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानता। हमेशा अटकलों का बाजार गरम रहता है लेकिन मुझे लगता है कि वह जब बेहतर समझे अपने करियर को खत्म कर सकते हैं।
-आप सीमित ओवरों की क्रिकेट के विशेषज्ञ माने जाते हैं। हमने क्रिकेट को टेस्ट से वनडे, टी-20 और अब टी-10 के रूप में बदलते देखा है। क्रिकेट के इस नए रूप को आप कैसे देखते हैं?
-मुझे लगता है कि हर प्रारूप की क्रिकेट में अपनी अलग भूमिका है। दूसरे प्रारूपों की तरह अब टी-10 भी इस खेल का अहम हिस्सा है जिसमें ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल किए जाने की क्षमता है। क्योंकि यह एक ऐसा प्रारूप है जिसका एक मैच महज 90 मिनटों में पूरा हो जाता है। इसमें एक दिन के अंदर चार मुकाबले खेले जा सकते हैं। इसमें आठ से 10 टीमों का टूर्नामेंट दो सप्ताह के अंदर कराया जा सकता है।
-क्या तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर इंग्लिश टीम की तुरुप का इक्का बन गए हैं?
-जोफ्रा की गेंदबाजी को देखना शानदार है। उसके पास गति है और वह तुरुप का इक्का है। वह हर प्रारूप में किसी भी स्थिति में गेंदबाजी कर सकता है। उसे जो भी चुनौती दी गई वह उससे सफलतापूर्वक बाहर निकला। हमने अभी उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं देखा है। वह अब भी हर समय सीखने की कोशिश करता है।