सौरव गांगुली पर भड़के पूर्व कप्तान, चयनकर्ता और कप्तान के बीच में BCCI अध्यक्ष को बोलने का अधिकार नहीं
गांगुली ने इस पूरे मामले पर बोला और यह बात बिल्कुल समझ में आती है कि विराट अपनी चीजों को एक दम से साफ रखना चाहते थे। मुझे ऐसा लगता है कि यह सारी चीजें चयन समिति के चेयरमैन और कप्तान के बीच में रहनी चाहिए थी।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। विराट कोहली को अचानक वनडे टीम की कप्तानी से हटाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बात पर अब तक पूर्व क्रिकेट अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को टी20 के साथ वनडे टीम की भी कप्तानी देने का फैसला लिया। कोहली को हटाए जाने पर बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बयान दिया था जो पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर को सही नहीं लगा।
खलीज टाइम्स से बात करते हुए पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "बात यह है कि गांगुली का चयनकर्ताओं की तरफ से बोलने का कोई मतलब ही नहीं बनता। गांगुली वर्तमान में बीसीसीआइ के अध्यक्ष हैं। अगर कोई भी बात टीम के चयन या कप्तान से जुड़ी हुई तो चयन समिति के चेयरमैन ही वो इंसान हैं जिनको बोलना चाहिए।"
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"गांगुली ने इस पूरे मामले पर बोला और यह बात बिल्कुल समझ में आती है कि विराट अपनी चीजों को एक दम से साफ रखना चाहते थे। मुझे ऐसा लगता है कि यह सारी चीजें चयन समिति के चेयरमैन और कप्तान के बीच में रहनी चाहिए थी। कप्तान को चयन समिति द्वारा चुना या हटाया जाता है, यह गांगुली के अधिकार क्षेत्र में बिल्कुल भी नहीं आता है।"
उन्होंने पूरे मामले पर हैरानी जताई क्योंकि जैसा योगदान कोहली का अब क्रिकेट में रहा है उसके हिसाब से वह इससे बेहतर की उम्मीद रखते हैं। उन्होंने कहा, "यह साल 1932 से ही चलता आ रहा है हमने चार कप्तान देखे हैं पांच टेस्ट मैच के दौरान लेकिन हां चीजों को बदलना चाहिए। कोहली को आपको सम्मान देना चाहिए उन्होंने देश की क्रिकेट के लिए काफी कुछ दिया है। लेकिन जैसा कोहली के साथ बर्ताव किया गया है इससे उनको यकीनन चोट पहुंची होगी।"
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