2007 से 2013 किस तरह से बदली Dhoni की कप्तानी, सुनिए इरफान पठान की जुबानी
इरफान पठान ने बताया कि साल 2007 में धौनी की जो कप्तानी थी वो 2013 में बदल चुकी थी। सिर्फ टीम बैठक वाली उनकी आदत नहीं बदली थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। 2007 में एक युवा और लंबे वालों वाला खिलाड़ी MS Dhoni भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बना था। इस साल राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया को वनडे वर्ल्ड कप में पहले राउंड से ही बाहर होना पड़ा था। जिम्मेदारी बड़ी थी ज्यादा तजुर्बा नहीं था, लेकिन धौनी ने इस जिम्मेदारी को निभाते हुए इसी साल इतिहास रचते हुए पहला टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया। इसके बाद की कहानी सबको पता ही है। अब टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने बताया है कि धौनी की कप्तनी में किस तरह का बदलाव आता चला गया।
इरफान पठान साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वो इस विश्व कप के फाइनल मैच में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुने गए थे। उन्होंने 16 रन देकर पाकिस्तान के खिलाफ 3 विकेट लिए थे। वहीं धौनी की कप्तानी में जब भारत ने साल 2013 में आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था उस वक्त भी इरफान टीम इंडिया के स्क्वैड में शामिल थे। इरफान पठान ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड पर बात करते हुए बताया कि साल 2007 में पहला मौका था जब उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वो काफी उत्साहित थे। दरअसल पठान से पूछा गया था कि वो साल 2007 और 2013 में धौनी की कप्तानी में किस तरह का फर्क देखते थे।
इरफान पठान ने बताया कि धौनी की कप्तानी में टीम की बैठक काफी छोटा हुआ करती थी। उन्होंने कहा कि वो ओवर्स के बीच में दौड़कर हमेशा गेंदबाज से बात करते थे। वैसे साल 2013 में वो इस तरह से नहीं कर रहे थे और उनका दृष्टिकोण इसे लेकर बाद में बदल गया था। उन्होंने गेंदबाजों को खुद को नियंत्रित रखने की छूट दे दी थी। इरफान ने कहा कि साल 2007 हो या 2013 टीम की बैठक हमेशा ही छोटी रही और ये सिर्फ 5 मिनट की होती थी।
उन्होंने कहा कि कप्तान के तौर पर इतने दिनों में धौनी में जो सबसे बड़ा बदलाव आया वो ये कि साल 2007 में वो अपने गेंदबाजों को कंट्रोल करने के लिए ओवर्स के बीच में उनसे बात करते थे, लेकिन साल 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ऐसा नहीं था। तब उन्होंने गेंदबाजों को खुद ही कंट्रोल करने की छूट दे रखी थी बजाए की वो उन्हें कंट्रोल करें। साल 2013 में वो बहुत ही शांत और नियंत्रण में थे।
इरफान ने बताया कि 2007 से 2013 के दौरान उन्होंने अपने स्लो बॉलर्स और स्पिनर्स पर विश्वास करना सीखा और चैंपयंस ट्रॉफी के दौरान वो पूरी तरह से साफ थे कि संकट के समय उन्हें मैच जीतने के लिए अपने स्पिनर्स का इस्तेमाल करना है। 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान धौनी ने आर अश्विन और रवींद्र जडेजा का बेहतरीन इस्तेमाल किया था और इन दोनों ने ही मैच के फाइनल दो ओवर फेके थे।