'किसी दिन हमारे परिवार पर एक बॉलीवुड मूवी बनेगी, लेकिन क्लाइमेक्स अभी बाकी है'
भारतीय टीम के चाहर बंधुओं ने इस बात को स्वीकार किया है कि किसी दिन हमारे परिवार पर एक बॉलीवुड मूवी बनेगी लेकिन क्लाइमेक्स अभी बाकी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। यह थोड़ा अज़ीब लग सकता है, लेकिन चाहर बंधुओं (दीपक और राहुल चाहर) का जीवन एक ब्लॉकबस्टर हिन्दी फिल्म के लिए बिल्कुल परफेक्ट है। ये दोनों भाई आगरा से हैं। आगरा से आइपीएल और आइपीएल से इंडियन क्रिकेट तक का हिस्सा बनना कोई आसान काम नहीं हैं। दीपक और राहुल चाहर की कहानी काफी असाधारण है। इनकी कहानी इनके पिताओं से मिलती है, जो खुद दो भाई हैं और उन दो भाईयों की शादी दो सगी बहनों से हुई थी।
इससे भी ज्यादा दिलचस्प कहानी दीपक के पिता की है, जो एक साधारण व्यक्ति थे उन्हें पेशेवर क्रिकेट का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन बेटों को क्रिकेट की तालीम देने के लिए पहले वे कोच बने और फिर एक नहीं बल्कि दो-दो इंटरनेशनल क्रिकेटर तैयार कर दिए। सीनियर चाहर ने अपने बेटे दीपक की कोचिंग तभी से शुरु कर दी थी, जब उन्होंने अपने बेटे में गेंदबाजी की प्रतिभा को देखा था। इसके बाद राहुल चाहर जो सिर्फ बड़े भाई के नक्शेकदम पर चले और आज ये मुकाम हासिल कर लिया।
दीपर चाहर और राहुल चाहर ने क्रिकबज के शो में खुलासा किया है। राहुल चाहर ने बताया कि वे दीपक से इतने प्रभावित थे कि शुरुआत में वे अपने भाई की तरह ही तेज गेंदबाजी किया करते थे, लेकिन राहुल के चाचा (जो दीपक के पिता हैं) ने देखा कि उनके एक्शन किसी विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज बनने के लिए सही नहीं है। ऐसे में उन्होंने राहुल को दीपक के साथ मिलकर लेग–स्पिन में हाथ आजमाने के लिए मनाया। जैसा कि वे बताते हैं, बाकी सब इतिहास है। 20 साल की उम्र में ही राहुल चाहर मुंबई इंडियंस का हिस्सा बन गए थे।
टी20 क्रिकेट का दुनिया का सबसे बेस्ट प्रदर्शन और फिर हैट्रिक लेने वाले तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने कहा है, "हमारे परिवार की कहानी, खासकर मेरे पिता की, एक फिल्म की परफेक्ट स्क्रिप्ट बन सकती है। इसमें ड्रामा है, संघर्ष है और सफलता भी। हालांकि, हमें लगता है कि क्लाइमेक्स अभी बाकी है। जब हम सफलता के ऐसे प्वाइंट पर पहुंच जाएंगे जहां हम पूरे आत्मविश्वास के साथ कह सकें कि हम फिनिशिंग लाइन पर हैं तब फिल्म जरूर बनेगी।"