Move to Jagran APP

EXCLUSIVE: अमला और डिविलियर्स के संन्यास का असर साउथ अफ्रीकी टीम पर पड़ा- एल्गर

Dean Elgar EXCLUSIVE Interview साउथ अफ्रीकाई टीम के ओपनर डीन एल्गर ने कहा है कि दिग्गज खिलाड़ियों के संन्यास का असर टीम पर पड़ा है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 08:54 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 08:54 AM (IST)
EXCLUSIVE: अमला और डिविलियर्स के संन्यास का असर साउथ अफ्रीकी टीम पर पड़ा- एल्गर
EXCLUSIVE: अमला और डिविलियर्स के संन्यास का असर साउथ अफ्रीकी टीम पर पड़ा- एल्गर

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज हो रही है। सेंचुरियन में हुए बॉक्सिंग डे टेस्ट में मेजबान टीम ने इंग्लैंड को 107 रनों से पराजित किया। अब दूसरा मैच दुनिया के सबसे ज्यादा खूबसूरत मैदानों में शामिल केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में होगा। दक्षिण अफ्रीकी टीम के ओपनर डीन एल्गर पहले मैच में कुल 22 रन बना पाए थे लेकिन वह अगले तीन मैचों में बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं।

loksabha election banner

दक्षिण अफ्रीका के लिए 60 टेस्ट और आठ वनडे खेलने वाले एल्गर मानते हैं कि पिछले कुछ वर्षो में चार अहम खिलाड़ियों के संन्यास लेने के कारण दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी कमजोर हुई है। दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डुप्लेसिस भले ही सौरव गांगुली के आइसीसी से इतर चार देशों के प्रत्येक साल कराए जाने वाले टूर्नामेंट के प्रस्ताव से सहमत नहीं हों लेकिन उनकी टीम के ओपनर डीन एल्गर को लगता है कि भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा इसमें चौथी टीम के तौर पर दक्षिण अफ्रीका को शामिल किया जाता है तो यह क्रिकेट के लिए बेहतर होगा। इन्हीं सब मुद्दों पर अभिषेक त्रिपाठी ने डीन एल्गर से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-

-पहले ग्रीम स्मिथ, फिर डिविलियर्स, जैक कैलिस और हाशिम अमला के संन्यास लेने के बाद दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी में वह गहराई नजर नहीं आ रही है। दक्षिण अफ्रीका के लिए यह कितनी चिंता का विषय है?

-मेरा मानना है कि पिछले कुछ वर्षो में एक यूनिट की तरह हमारी बल्लेबाजी स्थिर नहीं रही है क्योंकि कई शीर्ष खिलाड़ियों के संन्यास लेने के बाद कई खिलाड़ी आए और उन्हें आजमाया गया। अगर आप देखें तो पिछले तीन वर्षो में चार सीनियर खिलाड़ियों ने संन्यास लिया जिसका असर हमारी टीम पर पड़ा और टीम में उनके अनुभव की कमी साफ महसूस की गई। उनके जाने के बाद एक बल्लेबाजी यूनिट की तरह आत्मविश्वास हासिल करना आसान नहीं है। हम युवा खिलाड़ियों से सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे हैं। आप देखें तो स्मिथ, कैलिस, अमला और डिविलियर्स जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने बहुत कम अंतराल के अंदर संन्यास लिया, जिसकी वजह से बल्लेबाजी में हमारी टीम ने एक समय के लिए आत्मविश्वास खो दिया। मुझे लगता है कि युवा खिलाड़ियों को खुद को साबित करने और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को स्थापित करने में थोड़ा समय लगेगा क्योंकि इस स्तर पर युवा खिलाड़ियों का खेलना आसान नहीं होता है। हमारी कोशिश एक बल्लेबाजी यूनिट के तौर पर आने वाले समय में अच्छा प्रदर्शन करने पर है।

- डेल स्टेन पहले ही संन्यास ले चुके हैं और अब वर्नोन फिलेंडर ने भी संन्यास की घोषणा कर दी है। ऐसे में क्या आपको लगता है कि दक्षिण अफ्रीका के युवा तेज गेंदबाजों के पास अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने का यह एक अच्छा मौका है?

-जैसा कि मैंने पहले बताया कि एक बल्लेबाजी यूनिट की तरह युवा खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करना मुश्किल है। ठीक वैसे ही गेंदबाजी में भी युवा तेज गेंदबाजों को खुद को साबित करना आसान नहीं है। आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों का मुकाबला करते हैं जो आसान नहीं होता। सीखने की कला भी अहम है। बेशक कई सीनियर गेंदबाजों ने संन्यास लिया हो लेकिन कैगिसो रबादा जैसे खिलाड़ी अपनी छाप छोड़ रहे हैं और उम्मीद है कि उनके जैसे और भी खिलाड़ी अपनी छाप छोड़ने आएंगे।

-पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को शिकस्त दी। टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक होने के नाते इस टेस्ट से किस तरह की सकारात्मकता लेकर आगे जाना चाहेंगे?

-यह आत्मविश्वास लौटाने वाली जीत है। हमने हाल के दिनों में अच्छी क्रिकेट सीरीज खेली है लेकिन हम इसे निरंतर करने में नाकाम रहे हैं। करीब साढ़े तीन दिनों तक चले पिछले टेस्ट में हमने अपनी गलतियों से सीख लेने की कोशिश की है। इस जीत से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि इंग्लैंड पर पहले टेस्ट में मिली जीत से टीम में काफी सकारात्मकता आई है।

-आपने अंडर-19 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका की कमान संभाली और टेस्ट क्रिकेट में भी आप कुछ मौकों पर राष्ट्रीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं। अगर भविष्य में आपको नियमित रूप से कप्तानी करने का मौका मिलता है तो क्या आप उस मौके को लेना चाहेंगे?

-मैं इस बारे में सोच सकता हूं। हालांकि मेरा मानना है कि अभी मैं इस भूमिका में फिट नहीं बैठता हूं। निजी तौर पर मैं वह करना चाहता हूं जो मैं कर सकता हूं। हालांकि जब कप्तानी के लिए मुझे आपना सीवी आगे बढ़ाना होगा तब देखेंगे। सही इंसान का सही जगह पर होना भी जरूरी है।

-हाल ही में आपने टेस्ट क्रिकेट में सात साल पूरे किए। अब भविष्य को लेकर आपकी क्या योजनाएं हैं?

-मेरी कुछ ऐसी खास योजना नहीं है। बस मेरी कोशिश अपनी टीम को जीत दिलाने और इंग्लैंड के खिलाफ हालिया सीरीज को जीतने की रहेगी। क्रिकेट खेलने के बाद मैं युवा खिलाड़ियों को कोचिंग देना चाहूंगा और कमेंट्री भी एक विकल्प है।

-आप एक अच्छे कामचलाऊ स्पिनर भी साबित हुए हैं। मौजूदा समय में टेस्ट और टी-20 क्रिकेट में स्पिनरों की भूमिका को आप कैसे देखते हैं?

-एक कामचलाऊ स्पिनर के तौर पर आपके सामने कई चुनौतियां होती हैं। टेस्ट में सीमा रेखा पर आपकी गेंद पर शॉट को रोकने के लिए ज्यादा फील्डर नहीं होते हैं और मुझे लगता है कि एक नियमित स्पिनर के मुकाबले कामचलाऊ स्पिनर के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होती है। हालांकि टी-20 और वनडे क्रिकेट में सीमा रेखा पर गेंद को रोकने के लिए कई फील्डर होते हैं।

-हाल ही में बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली ने आइसीसी टूर्नामेंट से अलग चार देशों के टूर्नामेंट का सुझाव दिया था। अगर यह होता है तो बिग थ्री (भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड) के अलावा दक्षिण अफ्रीकी टीम एक अच्छा विकल्प हो सकती है। इस पर आपके क्या विचार हैं?

-यह एक अच्छी पहल हो सकती है। अगर ऐसा होता है और दक्षिण अफ्रीका को इसमें शामिल किया जाता है तो इससे हमें फायदा ही मिलेगा। भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ खेलना हमेशा आपके लिए फायदेमंद होता है और दुनिया की शीर्ष चार टीमों में शुमार होने की वजह से भी आपको इन टीमों के खिलाफ खेलने से आपकी टीम को मजबूती मिलती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.