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साउथ अफ्रीकाई टीम की कप्तानी के लिए क्यों आगे नहीं आना चाहते डीन एल्गर, बताई वजह

साउथ अफ्रीकाई ओपनर डीन एल्गर ने कहा है कि टीम की कप्तानी नौकरी के लिए इंटरव्यू के लिए जाने जैसी नहीं है। इसका फैसला बोर्ड के अधिकारियों को करना होता है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 03:12 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 03:12 PM (IST)
साउथ अफ्रीकाई टीम की कप्तानी के लिए क्यों आगे नहीं आना चाहते डीन एल्गर, बताई वजह
साउथ अफ्रीकाई टीम की कप्तानी के लिए क्यों आगे नहीं आना चाहते डीन एल्गर, बताई वजह

केपटाउन, आइएएनएस। साउथ अफ्रीकाई टेस्ट टीम के लिए एक कप्तान की जरूरत है, क्योंकि इसी साल प्रोटियाज टीम के दिग्गज खिलाड़ी फाफ डुप्लेसिस ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था। हर किसी टीम में ये एक ऐसा पद होता है, जिसे भरने के लिए बोर्ड और मैनेजमेंट को काफी माथापच्ची करनी होती है। इसी को लेकर साउथ अफ्रीकाई टीम के दिग्गज खिलाड़ी डीन एल्गर का मानना है कि कप्तानी एक ऐसी चीज है, जो हिरार्की (Hierarchy) से तय होती है, न कि जिसके लिए खिलाड़ियों को नौकरी के लिए साक्षात्कार की तरह आवेदन करना होता है।

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फाफ डुप्लेसिस के कप्तानी से इस्तीफा दिए जाने के बाद कई क्रिकेटर इस पद को हासिल करना चाहते हैं और इसकी जुगत में भी लगे हुए हैं। एडन मार्क्रम और केशव महाराज ने इसके लिए बयान भी दे दिया है कि वे टीम की कप्तानी करने के लिए तैयार हैं, लेकिन डीन एल्गर की कुछ अलग ही राय है। उनका मानना है कि लोगों को हाई प्रेशर वाली नौकरी के लिए हाथ उठाकर खुद को उजागर नहीं करना चाहिए।

डीन एल्गर के हवाले से ईएसपीएनक्रिकइंफो ने कहा है, "कप्तानी नौकरी के साक्षात्कार के लिए जाने जैसी नहीं है, जहां आप अपने सीवी को हाथ में रखते हैं। तुम इसके लिए अपना हाथ मत रखो। यह ऐसा कुछ है जो किसी और द्वारा तय किया गया है और ऐसा लगता है कि वे नौकरी के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति हैं। खिलाड़ियों के लिए आत्मविश्वास और अपनी क्षमताओं को वापस लेना अच्छा है, लेकिन जब आप ऐसा करते हैं, तो आप खुद को एक उजागर स्थिति में रख सकते हैं।"

एल्गर ने डु प्लेसिस को कप्तानी छोड़ने के लिए मजबूर करने के बारे में भी जानकारी दी। 32 वर्षीय खिलाड़ी ने 2019 विश्व कप की ओर इशारा किया, जिसमें साउथ अफ्रीकाई टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। उन्होंने कहा, "यदि आप एक कप्तान के रूप में परिणाम प्राप्त नहीं कर रहे हैं, तो दबाव बनता है। विश्व कप उनके पक्ष में नहीं गिया और फिर सब कुछ खत्म हो गया। उन्हें पता होगा कि यह कदम उठाने का सही समय है या नहीं।"


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