EXCLUSIVE: डे-नाइट टेस्ट भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक क्षण : जहीर खान
Ind vs Ban जहीर खान ने कहा कि डे-नाइट टेस्ट के जरिये क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप को और दिलचस्प बनाने की कोशिश की जा रही है।
कपिल देव के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज जहीर खान का मानना है कि कोलकाता के ईडन गार्डेस में 22 नवंबर से भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाला डे-नाइट टेस्ट भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक क्षण हैं। जहीर से भारतीय क्रिकेट और अन्य मुद्दों पर विशाल श्रेष्ठ ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :
- अबू धाबी में पहली टी-10 लीग शुरू हो चुकी है तो क्या भारत में ऐसी लीग शुरू कर देनी चाहिए?
- हमारे देश में पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट लीग (आइपीएल) का आयोजन हो रहा है। हालांकि क्रिकेट में कुछ जोड़ा जाए तो अच्छा ही होगा। बहुत से प्रतिभाशाली क्रिकेटर इस तरह के मौकों का इंतजार कर रहे है।
- आपको नहीं लगता कि भारतीय टीम में बायें हाथ के तेज गेंदबाज की कमी है?
- टीम प्रबंधन तेज गेंदबाजी को बेहतर करने के लिए समय-समय पर इसमें अलग-अलग चीजें लाने की कोशिश करता है। टीम में बायें हाथ के अच्छे गेंदबाज का होना अतिरिक्त फायदे जैसा होगा, लेकिन इसके लिए सही गेंदबाज का चयन करना भी जरुरी है। देश में बायें हाथ के प्रतिभाशाली तेज गेंदबाजों की कमी नहीं है और वे आने वाले समय में टीम इंडिया में अपना दावा पेश करेंगे।
- कप्तान विराट कोहली की देश में पांच टेस्ट स्टेडियम वाली थ्योरी से आप कितने सहमत हैं?
- सुनने में यह काफी अच्छा लग रहा है, लेकिन हमारे देश के आकार को देखते हुए टेस्ट स्टेडियम की संख्या बहस का मुद्दा हो सकती है। मेरा भी मानना है कि टेस्ट मैचों के लिए पांच स्टेडियम होने चाहिए और उनके लिए मानदंरू टेस्ट के सर्वोच्च हित को ध्यान में रखकर तय किए जाने चाहिए।
- बांग्लादेश के खिलाफ गुलाबी गेंद से भारत के पहले डे-नाइट टेस्ट मैच के बारे में क्या कहेंगे?
- भारतीय क्रिकेट के लिए यह ऐतिहासिक क्षण कहा जा सकता है। डे-नाइट टेस्ट के जरिये क्रिकेट के सबसे बड़े प्रारूप को और दिलचस्प बनाने की कोशिश की जा रही है। इस प्रारूप में प्रशंसकों को बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
- बीसीसीआइ के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली से कितनी उम्मीदें हैं?
- बतौर कप्तान दादा ने काफी अच्छा किया है। संन्यास के बाद भी उन्होंने क्रिकेट से नाता नहीं तोड़ा। वे हमेशा नए जोश के साथ काम करते हैं। बंगाल क्रिकेट संघ को वह काफी आगे ले गए। मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआइ में भी वे इसे दोहराएंगे। बोर्ड की कमान संभालने के बाद उन्होंने कहा भी था कि घरेलू क्रिकेटरों का विकास उनकी प्राथमिकता होगी।