विराट कोहली और सचिन की तुलना पर कोच रवि शास्त्री ने खुलकर दी अपनी राय, कही ये बातें
शास्त्री ने कहा कि तेंदुलकर ज्यादा शांत खिलाड़ी थे और अपने दायरे में रहते थे जबकि कोहली काफी आक्रामक हैं।
मेलबर्न, प्रेट्र। भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री जवाब देने में विश्वास नहीं करते लेकिन अगर उन्हें लगता है कि राष्ट्रीय टीम की आलोचना किसी एजेंडे के तहत की जा रही है तो वह इसका सीधे जवाब देंगे। 'द डेली टेलीग्राफ' से बात करते हुए शास्त्री ने विराट कोहली की प्रशंसा की और कहा कि जिस तरह से वह बल्लेबाजी करते हैं वैसा 'विवियन रिचर्ड्स' करते थे। आलोचनाओं के बारे में उन्होंने किसी का सीधे जिक्र नहीं किया कि वह इसे 'निहित स्वार्थ से प्रेरित' समझते हैं।
माइकल वॉन को दिए साक्षात्कार में शास्त्री ने कहा, 'आप इसकी उम्मीद करते हो। मैं उन व्यक्तियों में से एक हूं जो मानते हैं कि अगर आलोचना रचनात्मक है तो ठीक है लेकिन अगर मुझे लगता है कि ये किसी एजेंडे को लेकर की जा रही है तो मैं सीधे इसका जवाब दूंगा। मैं सच कह रहा हूं। मुझे परवाह नहीं कि वह कोई महान व्यक्ति है या कोई सामान्य व्यक्ति। अगर मुझे लगता है कि मुझे इसका जवाब देना है तो मैं ऐसा करूंगा।' हाल में महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पर्थ टेस्ट में भारत को मिली हार के बाद टीम की आलोचना की थी। उन्होंने टीम के संयोजन और ट्रेनिंग के तरीकों पर सवाल उठाए थे। शास्त्री ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था यह सैकड़ों मील दूर से 'हवा में तीर छोड़ने' जैसा है। इसके जवाब में गावस्कर ने कहा था कि हमारी प्रतिक्रियाओं ने ही मेलबर्न में टीम को अच्छा करने के लिए प्रेरित किया। शास्त्री से जब सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के बीच तुलना करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि तेंदुलकर ज्यादा शांत खिलाड़ी थे और अपने दायरे में रहते थे जबकि कोहली काफी आक्रामक हैं।
सचिन और कोहली की तुलना : उन्होंने कहा कि किसी ने मुझसे पूछा कि क्या सचिन और विराट में कोई समानता है तो मैंने कहा बहुत समानता है। चलिए काम की नैतिकता से शुरू करते हैं। उन्होंने कहा कि वे काफी कड़ी मेहनत करते है। घंटों नेट पर अभ्यास करते है और आपके क्रिकेट के लिए अपनी जरूरी चीजों का त्याग करते हैं। दोनों दूसरे पर अंगुली नहीं उठाते। अगर आप गलती करते हैं तो उसे स्वीकार करना चाहिए। वे ऐसा ही करते हैं। शास्त्री ने इसके बाद दोनों खिलाडि़यों के बीच अंतर को बताया। विराट काफी आक्रामक हैं। वह जिस तरह से बल्लेबाजी करते है वह विवियन रिचर्ड के काफी करीब है। वह तेज गेंदबाजों और विरोधियों को आक्रामकता से जवाब देते हैं। वह कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटते। उन्होंने बल्लेबाजी के ये गुर इंग्लैंड में सीखे।
शास्त्री के मुताबिक कोहली की सबसे बड़ी खासियत उनकी मानसिकता है जो उनसे काफी मिलती है। वह टीम के खिलाडि़यों का काफी ख्याल रखते है और दूसरो के लिए 'आदर्श' हैं। वह महान खिलाड़ी बनने के बाद भी अपने दायरे में रहते है और विनम्र हैं। वह टेस्ट क्रिकेट का सम्मान करते है। कोहली ने हाल ही में युवाओं से छोटे प्रारूप को छोड़कर टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान देने को कहा था। उन्होंने कहा कि हमारे देश में टी-20, आइपीएल और वनडे को काफी पसंद किया जाता है। अगर विराट कोहली कहते है, 'मैं टेस्ट क्रिकेट से ऊब गया हूं तो खेल पर उसका काफी बुरा असर होगा।