सट्टेबाजी को वैध करने के विरोध में CPI, कहा इससे बढ़ेगी धोखेबाजी
सीपीआइ महासचिव सुरावरम सुधाकर रेड्डी ने कहा कि सट्टेबाजी को वैध करने से धोखाधड़ी बढ़ जाएगी
नई दिल्ली, जेएनएन। लॉ कमीशन की सट्टेबाजी को वैध करने की सिफारिशों पर आवाज उटना शुरू हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बड़े नेता और महासचिव सुरावरम सुधाकर रेड्डी ने इस फैसले को गलत बताते हुए इसे लागू करने पर विरोध जताया है।
सीपीआइ नेता ने कहा कि सट्टेबाजी को वैध करने से काफी परेशानियां उठानी पड़ेगी। इसे वैध करके खेल में धोखेबाजी और बेइमानी को आगे किया जा रहा है। लॉ कमीशन ने 5 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में क्रिकेट सहित नहीं खेलों में सट्टेबाजी को वैध करने की सिफारिश की थी।
नीति आयोग की सिफारिश के बाद अब सीपीआइ ने अपनी राय बताते हुए उसे पूरी तरह से गलत बताया। सुरावरम ने कहा कि पार्टी में अब तक इसे लेकर चर्चा नहीं हुई है लेकिन हमारा पहला पक्ष यही है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर सट्टेबाजी को वैध किया गया तो इससे काफी परेशानी हो सकती है। सीपीआइ नेता ने कहा कि सट्टेबाजी कोई खेल नहीं है। सट्टेबाजी भी जुआ ही होता है। इसमें कुछ लोग पैसा जीतेंगे तो कुछ हारेंगे भी। इसमें हमेशा धोखेबाजी की आशंका बनी रहेगी।
इससे पहले लॉ कमीशन यानी नीति आयोग ने कानून मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार के प्रतिबंध के बावजूद देश में सट्टेबाजी खुलेआम हो रही है। सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी सट्टेबाजी होती है इसलिए सरकार को इसे वैध कर देना चाहिए।
आयोग ने सट्टे पर टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि संसद इसके लिए आसानी से अच्छा कानून बना सकती है। संसद अनुच्छेद 249 और 252 के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर कानून बना सकती है।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सट्टेबाजी को आधार कार्ड और पेन कार्ड से भी जोड़ा जा सकता है जिससे सब कुछ सरकार की निगरानी में होगा। इस पर लगने वाले टैक्स से सरकार को काफी फायदा हो सकता है। इसी लिए इसे वैध करने में जनता और सरकार दोनों की भलाई है।