शतक लगाने वाले पुजारा ने कहा, बल्लेबाजी के वक्त मैं नहीं कर रहा था ये काम
पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड की धरती पर पहली बार शतक जड़ा।
अभिषेक त्रिपाठी, साउथैंप्टन। इंग्लैंड के खिलाफ चल रही पांच मैचों की सीरीज के चौथे टेस्ट में शतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा को खराब फॉर्म का हवाला देकर पहले टेस्ट के अंतिम एकादश में जगह नहीं दी गई थी। हालांकि इसके बाद लॉर्ड्स टेस्ट में उन्हें जगह मिली। ट्रेंट ब्रिज में उन्होंने अर्धशतक जमाया और यहां साउथैंप्टन में नाबाद शतकीय पारी खेलकर भारत की ढहती पारी को बचाया। उनका कहना है कि टीम से बाहर बैठना आसान नहीं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या बर्मिघम में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया था तो उन्होंने कहा कि कभी-कभी आपको तथ्यों को समझना होता है। कई बार आप टीम के सदस्य नहीं होते तो बाहर बैठना आसान नहीं होता है, लेकिन मैं सिर्फ उन चीजों पर फोकस करता हूं जो मेरे बस में हैं, इसीलिए मैं अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करता हूं। किसी को कुछ साबित करने, हर मैच में प्रदर्शन करने के बारे में सोचने की जगह मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देता हूं। जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था तो तो स्कोर बोर्ड की तरफ भी नहीं देख रहा था। इससे मुझे अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने में फायदा मिलता है।
पुजारा इस सीरीज से पहले इंग्लैंड की काउंटी यॉर्कशायर के लिए खेले थे, लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और यही कारण था कि उन्हें बर्मिघम में पहले टेस्ट में अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली। पुजारा ने कहा कि मैं यॉर्कशायर के लिए रन बनाना चाहता था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, लेकिन मुझे पता था कि जिस तरह मैं बल्लेबाजी कर रहा हूं उसमें कोई खामी नहीं है। सिर्फ रन नहीं बन रहे थे। यही नहीं, जब मैं यॉर्कशायर के लिए सफेद गेंद (सीमित ओवर क्रिकेट) से खेल रहा था तो रन बना रहा था। लाल गेंद पर मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था, लेकिन बड़े स्कोर नहीं बना पा रहा था। हालांकि, मुझे तब भी अपने ऊपर विश्वास था क्योंकि मेरी तैयारी सही थी। मुझे तैयारियों पर हमेशा विश्वास रहता है। अगर आप नेट्स पर अच्छी बल्लेबाजी करते हैं और अपने ऊपर विश्वास रखते हैं तो आप सभी चीजों से बाहर निकल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि साउथैंप्टन के एजेस बाउल स्टेडियम में भी आप रन बना सकते हो। उन्होंने यहां की पिच पर कहा कि यह धीमी होती जा रही है और गेंद रुककर बल्ले पर आ रही है। यही कारण था कि मैंने परिस्थितियों के अनुसार अपने आपको ढाला और कुछ परिवर्तन किए।