BCCI ने किया साफ, नुकसान हुआ तो चीनी कंपनी VIVO के साथ करार खत्म नहीं होगा
बीसीसीआइ अधिकारी ने कहा अगर करार खत्म करने के नियम से आइपीएल के टाइटल प्रायोजक वीवो को फायदा होता है तो फिर उनका नाता तोड़ने की संभावना नहीं है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और चीन के बीच चल रही तना तनी के बीच सरकार ने 59 चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाकर कड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के बाद एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के टी20 टूर्नामेंट के इंडियन प्रीमियर लीग के टाइटल प्रायोजक चीनी मोबाइल कंपनी वीवो से रिश्ता तोड़ने की बातें की जा रही है। बीसीसीआई की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि अगर करार खत्म करने से उसे नुकसान उठाना पड़ा तो उसे सोचना पड़ेगा।
बीसीसीआइ के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर करार खत्म करने के नियम से आइपीएल के टाइटल प्रायोजक वीवो को फायदा होता है तो फिर बीसीसीआइ के इस चीनी मोबाइल कंपनी से नाता तोड़ने की संभावना नहीं है, लेकिन उन्होंने यह साफ नहीं किया कि इसकी समीक्षा के लिए इस लीग की संचालन परिषद की बैठक कब होगी।
आइपीएल संचालन परिषद की बैठक में भाग लेने वाले बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमें अब भी टी-20 विश्व कप, एशिया कप की स्थिति के बारे में पता नहीं है तो फिर हम बैठक कैसे कर सकते हैं। हां, हमें प्रायोजक पर चर्चा करने की जरूरत है, लेकिन हमने कभी रद या समाप्त करने जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया।"
करार को अचानक समाप्त करने पर बीसीसीआइ को पर्याप्त मुआवजा देना पड़ सकता है। इसके अलावा बीसीसीआइ को कम समय में इतनी अधिक राशि का प्रायोजक मिलने की भी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित है।
"हमने कहा कि हम प्रायोजक की समीक्षा करेंगे। समीक्षा का मतलब है कि हम करार के सभी तौर तरीकों की जांच करेंगे। अगर करार खत्म करने का नियम वीवो के अधिक पक्ष में होता है तो फिर हमें 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के करार से क्यों हटना चाहिए? हम तभी इसे समाप्त करेंगे जब करार खत्म करने का नियम हमारे पक्ष में हो।"