विजय शंकर ने कहा- अब मैं करीबी मैचों को खत्म करने में सक्षम हूं, पांचवें क्रम पर बल्लेबाज से हुआ सुधार
विजय शंकर ने कहा कि वह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी पर भी बराबर ध्यान दे रहे हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। ऑलराउंडर विजय शंकर को श्रीलंका में पिछले साल फरवरी में खेले गए निदहास ट्रॉफी टी-20 टूर्नामेंट के फाइनल में भारतीय प्रशंसकों की आलोचना झेलनी पड़ी थी। तब वह बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान की गेंदों को समझने में विफल रहे थे, जिससे बड़े मैचों में उनकी मानसिकता को लेकर सवाल उठे थे। लेकिन, 'मैच फिनिशर' के तौर पर उनकी उपयोगिता पर राहुल द्रविड़ के विश्वास जताने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा और भारतीय टीम में उन्हें दूसरा मौका मिला।
शंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि मानसिक तौर पर मैं ज्यादा मजबूत हुआ हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि मैं करीबी मैचों को खत्म कर सकता हूं। भारत-ए के न्यूजीलैंड दौरे ने मुझे मेरे खेल को अच्छे से समझने में मदद की।'
भारत के लिए पांच टी-20 मैच खेलने वाले शंकर ने कहा, 'राहुल सर (द्रविड़) ने मुझे कहा था कि उन्हें मेरी मैच खत्म करने की क्षमता पर भरोसा है। मुझे लगता है कि पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करना मेरे खेल के अनुकूल है, क्योंकि मैं दो मैचों में नाबाद रहा था। न्यूजीलैंड में 300 से ज्यादा का लक्ष्य का पीछा करते हुए मैंने 87 रन बनाए, जिससे मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ा। एक अन्य मैच में लक्ष्य का पीछा करते समय मैंने 60 रन बनाए। इन मैचों में मैं जब भी पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरा उस समय टीम को जीत के लिए 150-160 रन की जरूरत थी और यह जरूरी था कि मैं अच्छी पारी खेलूं और फिनिशर की भूमिका निभाऊं।'
इस ऑलराउंडर ने कहा कि वह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी पर भी बराबर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं खेल के दोनों पहलुओं पर बराबर ध्यान देता हूं। विजय हजारे ट्रॉफी के ज्यादातर मैचों में मैंने अपने 10 ओवर के कोटा को पूरा किया। रणजी ट्रॉफी में भी इस सत्र में मैंने काफी गेंदबाजी की। सबसे अच्छी बात यह है कि मैंने जो मेहनत की है उससे अब मानसिक तौर पर ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं।'