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घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा- 'क्रिकेट मेरे लिए नशा है'

जाफर 40 वर्ष की उम्र में भी घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 06:18 PM (IST)
घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा- 'क्रिकेट मेरे लिए नशा है'
घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने कहा- 'क्रिकेट मेरे लिए नशा है'

नई दिल्ली। घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज वसीम जाफर ने कहा कि क्रिकेट मेरे लिए नशा है और इसी वजह से वो इस उम्र यानी 40 वर्ष में भी इस खेल को खेलने में लगे हुए हैं। जाफर के नाम पर घरेलू क्रिकेट में 15 हजार से भी ज्यादा रन हैं। उन्होंने कहा कि अब उनके पास खेलने के लिए ज्यादा वक्त नहीं है, लेकिन जब तक उनके अंदर इसे खेलने की आग है वो क्रिकेट के साथ जुड़े रहेंगे। जाफर पिछले दो वर्ष से विदर्भ के लिए खेल रहे हैं और इतने दिनों में उनकी टीम दो बार रणजी चैंपियन के साथ-साथ दो बार ईरानी कप भी जीत चुकी है। 

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वसीम ने कहा कि मैं क्रिकेट खेलना व बल्लेबाजी करना पसंद करता हूं और इसी वजह से इस खेल के साथ अब तक जुड़ा हूं। मैं अपने खेल में अभी भी सुधार करना चाहता हूं साथ ही और बेहतर प्रदर्शन करना चाहता हूं। बल्लेबाजी करते हुए जो नशा होता है, उस नशे की तलाश मुझे अभी भी रहती है। उन्होंने कहा कि विदर्भ के लिए खेलते हुए टीम ने दो खिताबी जीत हासिल किए और इसकी वजह से मैं और इसके साथ जुड़ गया हूं। जब आप अच्छा खेलते हो तो उसका मजा ही कुछ अलग होता है और मैं इस मजे को फिलहाल तो नहीं छोड़ना चाहता। 

अपने क्रिकेट भविष्य के बारे में जाफर ने कहा कि अब उनकी इच्छा विदर्भ के साथ अपने करियर को खत्म करने की है। वो चाहते हैं कि उनकी टीम लगातार तीसरी बार रणजी खिताब जीतकर हैट्रिक दर्ज करे। मैं तो कोशिश करूंगा कि विदर्भ से खेलते हुए ही मेरा करियर खत्म हो और हम जीतें। मेरी और चंद्रकांत पंडित की जोड़ी बनी रहे। अगले सीजन में हम दोनों रहें और हम अपने खिताब को एक बार फिर डिफेंड कर सकें। अब अगले सीजन के लिए खिताबी जीत की हैट्रिक लगा सकें, यही मोटिवेशन है। 

भारतीय टीम में वापसी नहीं कर पाने की बात पर उन्होंने कहा कि मैं 2008 के आसपास टीम से बाहर हो गया था। उसके बाद मैंने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए, लेकिन मैं दोबारा टीम में आ नहीं सका। मैं इसके लिए किसी को दोष नहीं देता। अब वो बातें बीच चुकी हैं। उस वक्त के कप्तान और चयनकर्ता को जो सही लगा उन्होंने वही किया। मैं अब उसके बारे में सोचकर निराश नहीं होना चाहता। जो होना होता है वो हो जाता है। किसने सोचा था कि 40 वर्ष की उम्र में मैं दो रणजी खिताब जितूंगा और एक सीजन में एक हजार से ज्यादा रन बनाउंगा। 

आपको बता दें कि वसीम जाफर ने इस वर्ष रणजी ट्रॉफी में 1,037 रन बनाए और विदर्भ को रणजी ट्रॉफी का खिताब बचाए रखने में मदद की। वे रणजी ट्रॉफी इतिहास के सबसे सफल बल्लेबाज हैं और उन्होंने 11,775 रन हैं। वर्ष 2000 में भारत के लिए पहला मैच खेलने वाले जाफर ने भारत के लिए 31 टेस्ट मैच खेले और 1944 रन बनाए। एक समय भारतीय टेस्ट टीम का अहम हिस्सा रहे वसीम घरेलू क्रिकेट में बल्ले से लगातार रन उगलते रहे हैं। हालांकि, 2008 में टीम इंडिया से बाहर होने के बाद वे कभी भी राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं कर सके।


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