विराट कोहली ने चुनी पाकिस्तान के खिलाफ खेली विशाल पारी, कहा- इसने जिंदगी बदल दी
ढाका में कोहली ने 2012 में खेले गए एशिया कप के लीग मैच में 183 रन की बेमिसाल पारी खेली थी। इसकी बदौलत 330 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा कर भारत ने यादगार जीत दर्ज की थी।
नई दिल्ली, आईएएनएस। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की वनडे क्रिकेट में खेली गई सबसे बड़ी पारी पाकिस्तान के खिलाफ रही है। ढाका में कोहली ने 2012 में खेले गए एशिया कप के लीग मैच में 183 रन की बेमिसाल पारी खेली थी। पाकिस्तान के खिलाफ 330 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली के बल्ले से यह पारी निकली थी। कप्तान ने अपनी इस पारी को जिंदगी बदलने वाला बताया।
पाकिस्तान ने ढाका में साल 2012 में एशिया कप के 5वें मैच में पहले बल्लेबाजी की थी। मोहम्मद हफीज और नासिर जमशेद की शतकीय पारी के दम पर पाक टीम ने भारत के सामने 6 विकेट पर 329 रन बनाए थे। इस विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने कोहली की 183 रन की बेहतरीन पारी के दम पर जीत दर्ज की थी।
इंस्टाग्राम चैट पर आर अश्विन से बात करते हुए कोहली ने इस पारी को मैच बदलने वाला बताया और कहा, "वह गेंदबाजी आक्रमण काफी अच्छी थी। उस वक्त उनकी गेंदबाजी आक्रमण बेहद ही चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि उनमें विविधताएं थी।"
"उस टीम में शाहिद अफरीदी, शाईद अजमल, उमर गुल, एजाज चीमा और हफीज भी टीम में थे। शुरुआत के 20-25 ओवर में कंडिशन साफ तौर पर उनके हक में थे लेकिन मैं तो सिर्फ सचिन पा जी के साथ बल्लेबाजी करके ही खुश था। यह उनकी वनडे में आखिरी पारी होने वाली थी और उन्होंने 50 रन बनाए और हमने 100 रन की साझेदारी निभाई तो यह मेरे लिए एक यादगार पल था।"
कोहली ने बताया कि यह एक ऐसी पारी थी जो उन्होंने दुनिया की सबसे बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ की खेली थी। इससे उनको काफी आत्मविश्वास मिला। आगे उन्होंने कहा, "यह प्राकृतिक रूप से हुआ क्योंकि मैं अपने आप को खुद ही उत्साहित कर रहा था चाहता था कि स्थिति मेरे मुताबिक हो। मुझे लगता है कि वह मेरे लिए मैच को बदलने वाला रहा।"
"मुझे याद है वह रविवार का दिन था, भारत और पाकिस्तान का मैच था इसलिए पूरा देश इसको देख रहा था और सबका ध्यान इसी पर लगा था। मुझे वो लक्ष्य का पीछा याद है यह वाकई बहुत ही ज्यादा कठिन था। रोहित शर्मा ने शानदार खेल दिखाया था अंत में एमएस धौनी और सुरेश रैना ने भी तीन ओवर रहते ही मैच को खत्म कर दिया था। 330 रन जैसे लक्ष्य का ऐसे पीछा करने वाकई यादगार है।"