बीसीसीआइ ने की वकालत और कहा- खिलाड़ियों की तरह अंपायरों ने लिए भी बनने चाहिए नियम
बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि यह एक ऐसी परिस्थिति है जहां पर खिलाड़ियों की तरह ही अंपायरों के लिए भी नियम होने चाहिए।
नई दिल्ली। चेन्नई और राजस्थान के खिलाफ हुए मैच में धौनी ने जिस तरह से अंपायर के फैसले का विरोध किया और मैदान पर आ गए उससे काफी बवाल मचा। धौनी को उनकी गलती के लिए सजा भी दी गई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि अंपायर के गलत फैसले की वजह से हंगामा मचा हो। आइपीएस के इस सीजन में इससे पहले भी अंपायर के फैसले पर सवाल उठे और बवाल भी हुए। इस मामले पर बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि यह एक ऐसी परिस्थिति है जहां पर खिलाड़ियों की तरह ही अंपायरों के लिए भी नियम होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जब धौनी मैदान पर आए थे, मुझे लगता है कि उन्हें पता होगा कि उनके इस व्यवहार के लिए जुर्माना होगा। ये नियमों का उलंघन है और इससे लिए सजा व जुर्माना होना चाहिेए।
चौधरी ने कहा कि जब नियम के उल्लंघन की सजा दी जाती है तब खिलाड़ी के पुराने रिकॉर्ड के साथ ही मौजूदा हालात को भी ध्यान में रखा जाता है। मैच के अधिकारियों को और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। वो चाहे मैदान पर लिया गया फैसला हो या फिर तीसरे अंपायर का डीसीजन हो। उन्हें अपनी सटीकता में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि मैं धौनी का उदाहरण दे सकता हूं। उन्होंने नियम तोड़ा और उन पर फाइन हुआ। वहीं इसी सीजन में इससे पहले विराट और चहल ने भी कुछ ऐसा ही किया था लेकिन उन पर जुर्माना नहीं लगा। इन सभी मामलों में अंपायर का गलत फैसला खिलाड़ियों को उकसाने के लिए जिम्मेदार था। हमें समझना चाहिए की वह किस तरह की स्थिति में थे। इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए। हो सकता है कि समय आ गया है कि एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाए जहां अंपायरों के उपर भी गलती करने पर जुर्माना लगाया जाए। चौधरी ने कहा कि इस मामले को तुरंत देखे जाने की जरूरत है।